मूल कितने प्रकार की होती हैं ? उनके नाम लिखिये।
Answers
Answer:
मूल दो प्रकार की होती हैं-
1.मूसला एवं
2.झकड़ा मूल।
Explanation:
मूसला मूल : इस प्रकार की मूल में मूलांकुर वृद्धि करके प्राथमिक मूल बनाता है। प्राथमिक मूल से द्वितीयक, तृतीयक इत्यादि जड़े निकलती हैं। इन सबको मिलाकर मूसला मूल तंत्र कहते हैं।
उदाहरण-द्विबीजपत्री पादपों की मूल।
झकझ मूल : इनमें प्राथमिक मूल अल्पजीवी होती है तथा इनके स्थान पर अनेक पतली जड़े तने के आधार से परिवर्धित होती हैं। ये जड़े मिलकर झकड़ा जड़ तंत्र बनाती हैं।
उदाहरण – एकबीजपत्री पादपों की मूल।
Answer:
मूल दो प्रकार की होती हैं-
- मूसला मूल|
- झकड़ा मूल।
Explanation:
मूसला मूल: इस प्रकार की मूल में मूलांकुर वृद्धि करके प्राथमिक मूल बनाता है। प्राथमिक मूल से द्वितीयक, तृतीयक इत्यादि जड़े निकलती हैं। इन सबको मिलाकर मूसला मूल तंत्र कहते हैं।
उदाहरण-द्विबीजपत्री पादपों की मूल।
झकझ मूल: इनमें प्राथमिक मूल अल्पजीवी होती है तथा इनके स्थान पर अनेक पतली जड़े तने के आधार से परिवर्धित होती हैं। ये जड़े मिलकर झकड़ा जड़ तंत्र बनाती हैं।
उदाहरण – एकबीजपत्री पादपों की मूल।