मिलावट कितने प्रकार की होती है? उदाहरण देते हुए समझाइए।
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Explanation:
खाद्य पदार्थों में मिलावट से आशय-खाद्य पदार्थों में सस्ता एवं घटिया किस्म का कोई भी मिलता-जुलता पदार्थ मिलाने या उसमें से कोई तत्व निकालने या फिर उसमें हानिकारक तत्व मिलाने से खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता एवं शुद्धता में कमी आने को खाद्य पदार्थों में मिलावट कहते हैं। मिलावट के प्रकार (Types of adulteration)-मिलावट मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है –
1.उद्देश्यपूर्ण मिलावट (Intentional adulteration)
2.आपातिक मिलावट (Incidental adulteration)।
1. उद्देश्यपूर्ण मिलावट (Intentional adulteration):
उद्देश्यपूर्ण मिलावट विक्रेता अधिक-से-अधिक धन कमाने के लिए करता है। इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता को अपने व्यय किए गए धन के अनुसार गुणवत्ता प्राप्त नहीं हो पाती है। इस प्रकार की मिलावट विक्रेता भोज्य पदार्थों में जानबूझकर सस्ते अथवा घटिया प्रकार के भोज्य पदार्थ मिलाकर अथवा भोज्य पदार्थों में से आवश्यक तथा उपयोगी अवयवों को निकालकर करता है।
उदाहरणार्थ अनाज, दलहन व तिलहन में कंकड़, पत्थर, चिप्स, रेत आदि मिला दी जाती है तथा दूध में से क्रीम निकाल ली जाती है। चाय की पत्ती में से शुद्ध चाय की पत्ती निकालकर प्रयोग की गई सूखी चाय पत्ती मिला देते हैं, लौंग तथा इलायची में से तेल निकाल लिया जाता है।
2. आपातिक मिलावट (Incidental/accidental adulteration):
आपतिक मिलावट जानबूझकर नहीं की जाती है, अपितु यह मिलावट अज्ञानतावश, लापरवाही, दुर्घटना तथा उपयुक्त सुविधाओं के अभावस्वरूप होती है। ऐसी मिलावट खाद्य पदार्थों के संग्रहण, प्रसंस्करण, स्थानान्तरण, डिब्बाबंदी, उगाते समय, काटते समय हो जाती है। इस प्रकार की मिलावट से विक्रेता को कोई लाभ नहीं होता किन्तु उपभोक्ता को आर्थिक रूप से हानि उठानी पड़ती है तथा आर्थिक हानि के साथ-साथ उसके स्वास्थ्य के लिए भी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
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असामाजिक और लोभी प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा किसी खाद्य पदार्थ में कोई भी सस्ता एवं घटिया किस्म का अन्य समान प्रकृति वाला मिलता-जुलता पदार्थ मिला देने और उसमें से मूल पदार्थ निकाल लेने की प्रक्रिया को मिलावट कहते हैं।
मिलावट दो प्रकार से की जाती है..
- उद्देश्यपूर्ण मिलावट
- आपातिक मिलावट
उद्देश्यपूर्ण मिलावट — उद्देश्यपूर्ण मिलावट विक्रेता द्वारा जानबूझकर की जाती है। इसमें विक्रेता ज्यादा से ज्यादा धन कमाने के लिए खाद्य पदार्थों में कोई सस्ता समान प्रकृति वाला, मिलता-जुलता, वैसा ही देखने वाला अन्य पदार्थ मिला देता है जो जरूरी नहीं कि एक खाद्य पदार्थ हो हो, वो कोई हानिकारक पदार्थ हो सकता है। या वो खाद्य पदार्थ में से आवश्यक जरूरी अवयव निकाल लेता है और उसमें कुछ भी पदार्थ मिला देता है। जैसे कि अनाज, दाल आदि में कंकड़ पत्थर मिला दिये जाते हैं। या दूध में से क्रीम आदि निकाल ली जाती है।
आपातिक मिलावट — यह मिलावट जानबूझकर नहीं की जाती बल्कि ये मिलावट अज्ञानता वश हो जाती है, जो किसी लापरवाही, दुर्घटना अथवा वस्तुओं के उचित भंडारण के अभाव में हो जाती है। ऐसी मिलावट खाद्य पदार्थों के संग्रहण, प्रसंस्करण, स्थानांतरण, पैकिंग करते समय हो जाती है। विक्रेता को इससे कोई विशेष लाभ नहीं होता लेकिन उपभोक्ता को हानि उठानी पड़ती है और कभी-कभी उसे धन के साथ-साथ स्वास्थ्य की भी हानि उठानी पड़ जाती है।