मुलायम प्रथम प्रोजेक्ट हेलो
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Hi mate.....✌
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मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे धुरंधर नेता के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने साधारण परिवार से निकलकर प्रदेश और देश की सियासत में एक बड़ी पहचान बनाई। वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और एक बार देश के रक्षा मंत्री के रूप में सेवा दी। 22 नवम्बर, 1939 को इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई में पैदा होने वाले मुलायम ने शुरुआती दिनों में शिक्षण कार्य किया। लेकिन लोहिया और उनके साथ के लोगों के संपर्क में आने के बाद सियासत की ओर रुख किया। लोकदल के विधायक के रूप में सियासत में कदम रखने वाले मुलायम ने 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जड़ें मजबूत करने में उनका अमूल्य योगदान माना जाता है। इस पार्टी ने प्रदेश में चार बार सरकार बनाई। तीन बार वह खुद मुख्यमंत्री रहे जबकि चौथी बार 2012 में उनके पुत्र अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। अखिलेश यादव के कार्यकाल में उनके परिवार मेें विरासत को लेकर कडा़ संघर्ष शुरू हो गया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से एक बड़ी बैठक बुलाकर उनके पुत्र अखिलेश यादव ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बना दिया गया। मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल से पद और सरकार में भूमिका को लेकर कड़ा संघर्ष चला, जिसका असर 2017 के विधानसभा के चुनाव पर भी हुआ। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा बुरी तरह हार गई और बाद में शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से अलग संगठन बना लिया। मुलायम सिंह यादव फिलहाल समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं और मैनपुरी से पार्टी के उम्मीदवार।
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heya❤️
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ग्रेटर नोएडा. गौतमबुद्धनगर जिले के ग्रेटर नोएडा में विश्व की चौथी सबसे बड़ी नाइट सफारी बनाने का सपना पूरा होने से पहले ही दम तोड़ने लगा है। जिस नाइट सफारी को 2017 में जनता के लिए खोलने का लक्ष्य था, वहां अभी तक निर्माण के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई गई है। जी हां, इस नाइट सफारी के नाम पर अफसर स्टडी टूर पर विदेश घूम चुके हैं। इस प्रोजेक्ट के नाम पर अब तक 75 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। ऐसा नहीं है कि यह प्रोजेक्ट तकनीकी कारणों से अटका हो। सच्चाई यह है कि इस नाइट सफारी के लिए केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से एनओसी मिल चुकी है। बावजूद इसके 2005 से लेकर अब तक यह प्रजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।
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2005 रखी गई थी बुनियाद
बता दें कि इस नाइट सफारी की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल के दौरान 2005 में हुई थी। उस वक्त सिंगापुर स्थित बर्नार्ड हैरीसन एंड कंपनी ने ग्रेटर नोएडा मे नाइट सफारी की योजना तैयार की थी। यह परियोजना यमुना एक्सप्रेस-वे पर गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के पास 250 एकड़ भूमि पर 700 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटक स्थल के रूप में विकसित की जानी थी। 2017 तक इसे पूरा कर आम जनता के लिए खोलने का टारगेट रखा गया था। इस नाइट सफारी को 2007 में केन्द्रीय जू अथॉरिटी और 2008 में सुप्रीम कोर्ट से एनओसी मिल गई थी।
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मायावती ने ठंडे बस्ते में था डाला
वर्ष 2007 मे मायावती के सत्ता मे आने के बाद इस परियोजना की गति थम सी गई। वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश मे फिर सत्ता बदली और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी कैबिनेट से प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव पास करने के साथ ही इस परियोजना को समय से पूरा करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिए थे। इसके बाद 2014 में राज्य सरकार ने इस परियोजना में संशोधन करते हुए उसे अंतिम रूप दे दिया। बाकायदा इस नाइट सफारी का डिजाइन फाइनल कर दिया गया। इसके साथ ही इस परियोजना के बनने से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन के लिए भी कंसल्टेंट नियुक्त करने के निर्देश दिए।
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दक्षिण अफ्रीका घूम आए अधिकारी
ज्ञात हो कि वर्ष 2014 में ही ग्लोबल टेंडर निकाल कर परियोजना में रुचि रखने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया गया था। इसके साथ ही इस परियोजना के अध्ययन के लिए अफसरों का एक दल दक्षिण अफ्रीका के नाइट सफारी का दौरा भी कर आया। इस पर अफसरों ने 75 करोड़ रुपए खर्च भी कर दिए, लेकिन अमल के नाम पर सिफर काम हुआ। अब भाजपा सरकार आने के बाद ये परियोजना एक बार फिर ठंडे बस्ते में चली गई है। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के साथ ही नाइट सफारी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
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यह था नाइट सफारी बनाने का उद्देश्य
यमुना एक्सप्रेस-वे को देखते हुए नाइट सफारी के निर्माण का सपना भी देखा गया था। दरअसल, यमुना एक्सप्रेस-वे से ताज का दीदार करने वालों की कोई कमी नही है। यहां देसी और विदेशी सैलानी आगरा ताज देखने जाते हैं। ऐसे में रास्ते में नाइट सफारी आने की वजह से पर्यटकों के आने की उम्मीद जताई गई। पर्यटकों को देखते हुए नाइट सफारी के पास कैसीनो, फाइव और सेवन स्टार होटल के अलावा पब और बार भी बनाए जाने की योजना थी।
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...तो होती दुनिया की चौथी नाइट सफारी
सिंगापुर, थाइलैंड और चीन के बाद ग्रेटर नोएडा में यह चौथी नाइट सफारी बनाई जानी है। इसके लिए यमुना एक्सप्रेस-वे के मुशरदपुर गांव के पास 220 एकड़ जमीन चिन्हित की गई थी। इस प्रोजेक्ट के लिए सिंगापुर के विश्व प्रसिद्ध बनार्ड हैरीसन को कंसलटेंट नियुक्त किया गया था।