मूल्यपरकम् 1. किम् छात्र-जीवने पठनं खेलनं च उभयम् एव महत्त्वपूर्णम्? (क्या छात्र के जीवन में पढ़ना और खेलना दोनों ही महत्वपूर्ण हैं?) 2. शिक्षकः सर्वविधं ज्ञानं छात्रेभ्यः वितरति? किं भवान्/भवती तम्/ताम् प्रति कृतज्ञ:/कृतज्ञा अस्ति? (शिक्षक/शिक्षिका सब प्रकार का ज्ञान छात्रों को देते हैं। क्या आप उनके प्रति कृतज्ञ हैं?) 3. किम् बालक-बालिकानाम् अधिकाराः समानाः स्युः? (क्या बालक बालिकाओं के अधिकार एक समान होने चाहिए?)
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छात्र जीवन में पढ़ना और खेलना दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। छात्रों को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अधिक ज्ञान प्राप्त होता है, बल्कि वे खेलने के माध्यम से स्वस्थ रहते हैं और बाहरी विश्व से अधिक संवाद करने की क्षमता विकसित करते हैं। छात्रों को शिक्षा और खेल के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए।
हां, बालक और बालिकाओं के अधिकार समान होने चाहिए। समाज में सभी लोगों को समान अधिकार होने चाहिए, चाहे वे लड़के हों या लड़कियां। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अन्य अधिकारों के मामले में, समाज को समानता की दृष्टि से काम करना चाहिए।
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