मिलने आएंगे हम आपसे ख़्वाबों में, ज़रा रोशनी का ये दिया बुझा दीजिए, अब और नहीं होता इंतज़ार आपसे मुलाक़ात का, ज़रा अपनी आँखों के परदे तो गिरा दीजिये!!
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बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,
वो हजारो रातों में वो एक रात होती है,
जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,
तब वो ही पल मेरे लीये पूरी कायनात होती है।
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