मैंने ऐसा कौनसा अपराध किया था जिसकी यह.सजा मुझे मिल रही है।"" कोबायाशी के इस कथन में निहित उसकी मनोव्यथा को अभिव्यक्त कीजिए।
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कोबायाशी हिरोशिमा का एक आम नागरिक था। आज वह अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराकर घर में नई जिन्दगी आने की खुशी में बाहर टहल रहा था। तभी आसमान से मौत बरसी थी और सब कुछ तबाह हो गया था। उस धमाके से बेहोश कोबायाशी की जब चेतना लौटी तो वह यही पुकार रहा था कि मैंने किसी का क्या बिगाड़ा था जो मेरा सब कुछ नष्ट कर दिया गया । हमारी किसी से दुश्मनी नहीं थी । हम आम नागरिक यह युद्ध नहीं चाहते थे। अमीरों, अफसरों और नेताओं को छोड़कर कौन था जो यह युद्ध चाहता था।
अगर दुश्मनी निकालनी थी तो उन लोगों से निकालते जो युद्ध के पक्षधर थे । हमें क्यों मारा गया। हमें हमें ऐसी बुरी मौत क्यों मारा गया कि हमें प्यास लग रही है और मरते हुए को पानी भी नहीं मिल रहा। इस प्रकार कोबायाशी बेबस और मजबूर व्यक्ति था और उस जैसे अन्य लाखों लोग थे जिनकी पीड़ा और मन की तड़फ कोबायाशी के शब्दों में अभिव्यक्त हुई है।