मैंने ग्रीष्मावकाश कैसे बिताया? पर अनुच्छेद | Paragraph on How I Spent the Summer Vacation in Hindi
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ग्रीष्मावकाश कैसे बिताया?
हर विद्यार्थी ग्रीष्मावकाश की छुट्टियों के विषय में पहले से ही तैयारी कर लेता है, कि आने वाली छुट्टियों में क्या करना है और कहां जाना है। मैंने भी पहले से ही सोच कर रखा था कि इस बार की गर्मी की छुट्टियों में मैं पहाड़ों की सैर करूंगा। इस बार मैंने हिमाचल प्रदेश के शिमला में घूमने का मन बनाया। मेरे चाचा जी वहां भारतीय डाक में काम करते हैं। मैंने चाचा जी को दूरभाष पर संपर्क किया कि मैं भी शिमला आ रहा हूं। मैं रेल से दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए पहुंचा और चंडीगढ़ से बस के द्वारा शिमला पहुंचा।
मैं रास्ते में चारों तरफ से बर्फ से ढकी पहाड़ियों को देख रहा था उनकी बर्फ पर सूर्य की किरणें पडने से ऐसे चमक रही थी, जैसे मानो पहाड़ों पर किसी ने मोती मोती बिखेर दिए हो। देवदार के वह ऊंचे ऊंचे पेड़ बहुत ही लुभावने लग रहे थे। तभी मुझे अचानक ही ठंड लगने का आभास हुआ और मुझे पता था कि हिमाचल में ठंड होती है इसलिए मैं अपने साथ गर्म शॉल भी लाया था।
वहां पहुंच कर मैंने आराम किया तथा शाम को माल रोड शिमला पर पहुंच गया वहां का नजारा बहुत ही अलग था चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़ और दूर तक नजर आती झील मिलाती लाइटिंग ऐसा लग रहा था मानों हर जगह जुगनू ही जुगनू हैं। मैंने वहां शिमला का लक्कड़ बाजार भी देखा जहां हर चीज लकड़ी की ही बनी मिलती है मैं वहां से कुछ चीजें अपने दोस्तों और घर वालों के लिए ले आया। हर दिन में कोई ना कोई वहां का प्रसिद्ध स्थान जरूर देखता। जिममें से मुख्य रूप से जाखू मंदिर कुफरी शिमला विश्वविद्यालय और बहुत से स्थान देखें।
शिमला में घूमते घूमते पता ही नहीं चला कि कब मेरी छुट्टियां समाप्त हो गई और मुझे घर के लिए वापस आना पड़ा इस बार का ग्रीष्मावकाश मेरे लिए बहुत ही यादगार और सीखने वाला था मैंने बहुत सी चीजें यहां सीखी और बहुत सी चीजों से अनुभव लिया।
अब मैं अपने आप को तरोताजा महसूस कर रहा हूं और अपनी पढ़ाई के लिए फिर से संलग्न हो जाऊंगा और उम्मीद है कि भविष्य में फिर मुझे दोबारा शिमला आने का मौका मिलेगा।