मैं न कुछ कह पाई पर मेरी खामोशी ने सब कह दिया, तभी शायद हर दर्द को छुपाना मुझे बखूबी आ गया। मेरी जां भी रोई थी, मेरा दिल भी रोया था, तू अब भी आज़ाद है तू तब भी आज़ाद था।। एक दिन मैं तुझे हराऊंगी, तुझे तेरी ही नजरों से गिराऊंगी, उस दिन मैं अपने हक के लिए लड़ना सीख जाऊंगी।। वो दिन भी आएगा, जब तू भी रोएगा , अपनी की हुई गलती पर पछताएगा, लेकिन तुझे बचाने कोई न आएगा, उस दिन तू एक अपराधी कहलाएगा।। this poem is written by me on stop violence against women plz tell me how it is and where I have to correct it
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Amazing
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Please mark me as brainlist
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Answer:galti par pachtayega. yaha pa ap galtiyo per pachtayego it's amazing poem in
always we smile and we happy
take care
have a good time
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