मैं न कुछ कह पाई पर मेरी खामोशी ने सब कह दिया, तभी शायद हर दर्द को छुपाना मुझे बखूबी आ गया। मेरी जां भी रोई थी, मेरा दिल भी रोया था, तू अब भी आज़ाद है तू तब भी आज़ाद था।। एक दिन मैं तुझे हराऊंगी, तुझे तेरी ही नजरों से गिराऊंगी, उस दिन मैं अपने हक के लिए लड़ना सीख जाऊंगी।। वो दिन भी आएगा, जब तू भी रोएगा , अपनी की हुई गलती पर पछताएगा, लेकिन तुझे बचाने कोई न आएगा, उस दिन तू एक अपराधी कहलाएगा।। this poem is written by me on stop violence against women plz tell me how it is and where I have to correct it
Answers
Answered by
1
Answer:
correct poem to stop violence
Answered by
2
Answer:
i am am subhrodip .
from kolkata .
i am 15 year old
༄ᶦᶰᵈ᭄✿ ░SubHŘøđÎP ࿐⚜️. ßűsÝ !n §ťUđý , HöØbý Đa₦Çe , čåsìø płaÝëř âÑđ PhøťØ ƏđÎŤź .
i want to be a software airomatic engineer.
nice to meat you .
Thank you !
Similar questions