Economy, asked by binsiakannanoor7903, 1 year ago

मान लीजिए कि अभ्यास 5 में संतुलन कीमत बाज़ार में फम की न्यूनतम औसत लागत से अधिक है। अब यदि हम फर्मों के निर्वाध प्रवेश तथा बहिर्गमन की अनुमति दे दें, तो बाज़ार कीमत इसके साथ किस प्रकार समायोजन करेगी?

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Answered by qainatlovelygirl41
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Answer:

hy

Explanation:

sorry i dont have hindi keyboard

Answered by bhatiamona
0

यदि हम फर्मों के निर्वाध प्रवेश तथा बहिर्गमन की अनुमति दे दें, तो बाज़ार कीमत का साथ समायोजन:

इस मान्यता से अभिप्राय है की उत्पादन में बने रहकर संतुलन में कोई भी फर्म न अधिसामान्य लाभ अर्जित करती और न ही कोई हानि उठाती है| कहा जाए तो संतुलन कीमत फर्मों की न्यूनतम औसत लागत के बराबर होगी|

यदि हम फर्मों को निबार्ध प्रवेश तथा प्रवेश तथा बहिर्गमन की अनुमति दे दें तो पूर्ति में वृद्धि होगी|

पूर्ति में वृद्धि होने से संतुलन कीमत कम होगी तथा संतुलन मात्रा बढ़ेगी|

संतुलन कीमत कम होने से फर्मों के असामान्य लाभ विलुप्त हो जाएंगे |

हम फर्मों को निबार्ध प्रवेश तथा प्रवेश तथा बहिर्गमन से अभिप्राय है की बाज़ार कीमत सदैव न्यूनतम औसत लागत के बराबर होगी अथार्त p= न्यूनतम औसत लागत|

संतुलन में इस की मात्रा पर बाज़ार मांग द्वारा पूर्ति की मात्रा निर्धारित होगी तथा यह दोनों बराबर होती है|

जैसा की चित्र में दिखाया गया है की:

प्रवेश तथा बहिर्गमन सहित कीमत निर्धारण: निर्वाध प्रवेश तथा बहिर्गमन के साथ पूर्णत: प्रतिस्पर्धा बाजार में संतुलन कीमत सदैव न्यूनतम औसत लागत के बराबर होती है तथा संतुलन मात्रा बाज़ार मांग वक्र DD तथा कीमत रेखा P = न्यूनतम औसत लागत के प्रतिच्छेदन पर निर्धारित करती है|

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फर्मों की एक स्थिर संख्या के होने पर पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार में कीमत का निर्धारण किस प्रकार होता है? व्याख्या कीजिए।

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