जब बाज़ार में निर्वाध प्रवेश तथा वहिर्गमन की अनुमति है, तो फमें पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार में कीमत के किस स्तर पर पूर्ति करती हैं? ऐसे बाज़ार में संतुलन मात्रा किस प्रकार निर्धारित होती है?
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hy
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जब बाज़ार में निर्वाध प्रवेश तथा वहिर्गमन की अनुमति है, तो फमें पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार में कीमत के किस स्तर पर पूर्ति करती हैं? ऐसे बाज़ार में संतुलन मात्रा
इस मान्यता से अभिप्राय है की उत्पादन में बने रहकर संतुलन में कोई भी फर्म न अधिसामान्य लाभ अर्जित करती और न ही कोई हानि उठाती है| कहा जाए तो संतुलन कीमत फर्मों की न्यूनतम औसत लागत के बराबर होगी| इसका यह कारण यह है की यदि प्रचलित बाज़ार की कीमत पर प्रत्येक फर्म अधिसामान्य लाभ अर्जित कर रही है , तो नई फर्मे आकर्षित होगी| इससे पूर्ति में वृद्धि होगी , कीमत कम होगी , और अधिसामान्य लाभ विलुप्त हो जाएंगे| इसी प्रकार यदि प्रचलित कीमत पर फर्मे सामान्य से कम लाभ के स्तर पर आ जाएँगे | इस बिन्दु पर सदैव सामान्य लाभ अर्जित करेगी| सूत्र के अनुसार थ तक AR > AC , नई फर्मे प्रेवश करेंगी |
यह AR< AC तो कुछ फर्में वहिर्गमन करेगी| अत: बाज़ार कीमत सदैव न्यूनतम औसत लागत के बराबर होगी|
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फर्मों की एक स्थिर संख्या के होने पर पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाज़ार में कीमत का निर्धारण किस प्रकार होता है? व्याख्या कीजिए।
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मान लीजिए कि अभ्यास 5 में संतुलन कीमत बाज़ार में फम की न्यूनतम औसत लागत से अधिक है। अब यदि हम फर्मों के निर्वाध प्रवेश तथा बहिर्गमन की अनुमति दे दें, तो बाज़ार कीमत इसके साथ किस प्रकार समायोजन करेगी?