मुनेशवर की अंतिम इच्छा कया थी❓उसकी कया बात सुनकर महाराज आतमचितन मे लीन हो गए❓
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hlo friend your question is not complete but I try to give answer
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निधन से पहले अजीत जोगी ने स्वरचित कविता “वसीयत” में इस बात की जिक्र की थी. इस कविता में उन्होंने लिखा था कि बचपन में वे जहां खेला करते थे, उनके समाधिस्थल की मिट्टी को उन नदियों में प्रवाहित कर दिया जाए. साथ ही समाधिस्थल की मिट्टी के कुछ अंश को वनों के बीच छोड़ दिया जाए, ताकि इन्हीं जंगलों में वे अपने आप को समाहित कर लें.
अजीत जोगी के अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए मंगलवार को अपने पुत्र धर्म का निर्वहन करते हुए उनके बेटे अमीत जोगी, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह सहित परिवार के अन्य सदस्य ज्योतिपुर समाधि स्थल पहुंचे. जहां उनके समाधिस्थल की मिट्टी को विभिन्न कलशों में एकत्र किया गया और इसके बाद कलश यात्रा निकाली गई.
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