Hindi, asked by rathorenarayanlal8, 2 months ago


म्नलिखित काव्य पंक्तियों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिए :
) कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।

Answers

Answered by priyanka9292
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Answer:

कवि की इन पंक्तियों में ईश्वर मनुष्य से कहते हैं कि हे मनुष्य! तुम मुझे बाहर मंदिर-मस्जिदों में कहाँ ढूंढ़ते फिर रहे हो? मैं तो तुम्हारे पास ही हूँ! अगर तुम्हारे मन में मेरे प्रति सच्ची श्रृद्धा और विश्वास है, तो मैं हर वक़्त तुम्हारे पास मौजूद हूँ और तुम मुझे हर प्राणी की सांसों में महसूस कर सकोगे। लेकिन, अगर तुम्हारे मन में सच्चाई और आस्था नहीं है, तो फिर मैं तुम्हें मंदिर-मस्ज़िद और क़ाबा-कैलाश जैसी पवित्र जगहों पर भी नहीं मिल पाउँगा। अगर मुझे पाना है, तो खुद के अंतर्मन में झांक कर देखो, मैं तुम्हें वहीँ मिलूँगा!

Answered by ItsManipulator
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 \huge \underline \mathtt \blue{answer}

A galaxy is a huge collection of gas, dust, and billions of stars and their solar systems. A galaxy is held together by gravity. Our galaxy, the Milky Way, also has a supermassive black hole in the middle. When you look up at stars in the night sky, you're seeing other stars in the Milky Way.

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