मानव जीनोम परियोजना को महापरियोजना क्यों कहा गया।
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मानव जीनोम परियोजना को महापरियोजना इसलिए कहा गया है क्योंकि
इसमें अनेक देशों जैसे यूएसए (USA) , यूके (UK) , जापान (Japan) , फ्रांस (France) , जर्मनी (Germany) , चीन (China) आदि देशों ने भाग लिया । यह एक 13-वर्षीय लंबी परियोजना थी जिसे वर्ष 1990 में शुरू किया गया था और 2003 में पूरा किया गया था। यह मानव जीनोम के न्यूक्लियोटाइड सीक्वेंस को जानने के लिए किया गया। इसमें 3 × 10^9 बेस को जानने के लिए 9 बिलियन US $ खर्च हो चुके हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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निम्न के कार्यों का वर्णन (एक या दो पंक्तियों से) करो -
(क) उन्नायक (प्रोमोटर)
(ख) अंतरण आरएनए (tRNA)
(ग) एक्जान
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उस संवर्धन में जहाँ ई.कोलाई वृद्धि कर रहा हो लैक्टोज डालने पर लैक-ओपेरान उत्प्रेरित होता है। तब कभी संवर्धन में लैक्टोज डालने पर लैक ओपेरान कार्य करना क्यों बंद कर देता है?
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Explanation:
मानव जीनोम परियोजना एक अत्यन्त व्यापक स्तर की योजना है जिसके अन्तर्गत मनुष्य के जीनोम में उपस्थित समस्त जीनों की पहचान की जाती है। मानव जीनोम में 3 x 109 क्षार युग्म हैं तथा प्रति क्षार पहचानने के लिए तीन अमेरिकी डॉलर का खर्च आता है। इस प्रकार संपूर्ण योजना पर लगभग 9 मिलियन डॉलर का खर्च आएगा। ज्ञात अनुक्रमों का संग्रह करने के लिए 1000 पृष्ठों की लगभग 3300 पुस्तकों की आवश्यकता होगी, यदि प्रत्येक पृष्ठ पर 10000 शब्द लिखे जायें। इस योजना को पूरी होने में 13 वर्ष का समय अनुमानित किया गया है।
अनेक देशों के हजारों वैज्ञानिक एक साथ इस पर कार्य करते हैं तो इसकी प्रथम प्रक्रिया पूर्ण होने में 10 वर्ष का समय लगता है। इतने स्तर के आँकड़ों के संग्रह, समापन व विश्लेषण के लिए उच्च कोटि के सांख्यिकीय साधनों की आवश्यकता होगी। अतः अपने इस वृहद् स्तर के कारण यह योजना, महापरियोजना कहलाती है।