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मानव जीवन की सार्थकता
मानव जीवन अनमोल है| मानव को जीवन भगवान के द्वारा दिया गया उपहार है| हमें अपने जीवन को ख़ुशी से व्यतीत करना चाहिए , जीवन एक बार मिलता इसे हमें व्यर्थ नहीं करना चाहिए | हमें गलत कामों में अपना समय और जीवन बर्बाद नहीं करना चाहिए | मानव जीवन एक बार मिलता है , इसे अच्छे से व्यतीत करना चाहिए | अच्छे कर्म करने चाहिए | सब के साथ दया भावना , प्रेम , मिलकर रहना चाहिए |
हमारे जीवन में कोई भी भीषण समस्या आ जाए तो हमें डरना नहीं चाहिए और न ही हिम्मत नहीं हारनी चाहिए| हमारे जीवन में कोई भी समस्या आए उसका समाधान हमेशा निकल आता है बस हमें हिम्मत से दिमाग से काम करना चाहिए | सब के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और अच्छी वाणी का प्रयोग करना चाहिए |
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बहुत अनोखी किंतु सच्ची बात यह है की प्रकृति ने हर जीव को जन्म के साथ ही उसे सारी जानकारी और शक्ति के साथ यहाँ भेजा है ताकि वो अपने जीवन की सुरक्षा और पालन कर सके, लेकिन वो अपनी मूल प्रवत्तियों, भोजन, निद्रा, काम, और अपनी आत्मरक्षा के अतिरिक्त कुछ भी नहीं करते और ना उनके पास इसकी समझ और जरुरत होती है, क्यूंकि उनमे, विवेक, विचार और बुद्धि नहीं होती, वो बस अपनी प्रवृत्तियों के आधीन जीवन जीते हुए मर जाते हैI
एक कुत्ता, बिल्ली, सूअर या एक गधा जन्म से लेकर मृत्यु तक वही रहते हैं, उनमे कोई भी विकास या परिवर्तन नहीं होता, बस इतना होता है की उनकी उम्र बढते जाती है और एक दिन वो मृत्यु को प्राप्त होते है I
लेकिन मनुष्यों के सम्बन्ध मे यह बात बिलकुल अलग है, मनुष्य की संतान को अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक सब कुछ जानना और सीखना पड़ता है, जीवन के हर मोड़ पर, हर नए काम के संबन्ध मे, उसे अपनी गति, प्रगति और उत्थान के लिए और खुद को पशुओं की प्रवृत्तियों से ऊपर उठने के लिए जीवन भर श्रम करना और ज्ञान अर्जित करते रहना पड़ता है I
यहाँ ऐसा नहीं है की एक बार जान लिया और बात समाप्त, यहाँ हम जिन बातों, रिश्तों, और ऊँचाइयों की ओर अग्रसर होना चाहते है हमे उनसे सम्बंधित समस्त जरुरी बातें लगातार जाननी और सीखनी पड़ती है, जो इस दिशा मे सार्थक और उचित प्रयास करता है, उसी का जीवन दूसरों के लिए प्रेरणा और शक्ति का स्रोत बनता हैI