Hindi, asked by kreena66, 6 months ago

मानव जीवन में कुछ महान कर पाने की अदम्य लालसा ही महत्वाकांक्षा है| इस लालसा की पूर्ति का मार्ग परस्पर होड़ से जन्म लेता है| किसी अन्य से आगे बढ़ पाने की यह आकांक्षा बिना इस ‘अन्य’ के प्रति कठोर हुए नहीं पूर्ण की जा सकती | मनुष्य में आगे बढ़ने की जो भी स्वाभाविक इच्छा जन्म लेती है उसके साथ अप्रत्यक्ष रूप से अन्य मानवों को पीछे छोड़ने की अदृश्य इच्छा भी जुड़ी रहती है| यदि सहृदय होकर इस पर विचार किया जाए तो इस प्रकार की समस्त प्रतिद्वंदिता निष्ठुरता है| दूसरे के प्रति निर्ममता है | किंतु महानता को पाने के लिए यह निर्ममता या निष्ठुरता एक अनिवार्य दुर्गुण है, इसके अभाव में उस निष्ठा, संकल्प या दृढ़ता की कल्पना नहीं की जा सकती, जो मनुष्य को आगे बढ़कर अनछुई ऊँचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करते हैं |

1) मानव जीवन में कुछ महान कर पाने की अदम्य लालसा क्या है- *



(क) आत्मविश्वास

(ख) प्रगति

(ग) महत्वाकांक्षा

(घ) अतिमहत्वाकांक्षा

2) महत्वाकांक्षा कैसे पूर्ण की जा सकती है? *



(क) अन्य के प्रति संवेदनशील होकर

(ख) अन्य के प्रति कठोर होकर

(ग) अन्य के प्रति भावना शून्य होकर

(घ) अन्य के प्रति ईर्ष्यालु होकर

3) मनुष्य में आगे बढ़ने की इच्छा _________ होती है| *



(क) अस्वाभाविक

(ख) स्वाभाविक

(ग) जन्म से

(घ) बचपन से

4) महानता को पाने के लिए अनिवार्य दुर्गुण हैं- *



(क) कायरता

(ख) निर्ममता

(ग) निष्ठुरता

(घ) दूसरा एवं तीसरा दोनों

5) ‘लालसा’ शब्द का अर्थ है- *



(क) उर

(ख) मन

(ग) इच्छा

(घ) अंतःकरण


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Answers

Answered by bhadauriyasanjay
1

Explanation:

(1)महत्वकांक्षी

(4)निर्मलता

(5)इच्छा

Answered by maheshwarchouhan1
2

महत्वाकांक्षा का उदय कैसे होता है

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