मानव के लिए ‘ व्यक्तिगत स्थान ‘ का संप्रत्यय क्यों महत्वपूर्ण है? आपके उत्तर को एक उदाहरण की सहायता से उचित सिद्ध कीजिए I
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"मानव के लिए ‘व्यक्तिगत स्थान’ स्थान का संप्रत्यय दो कारणों से बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, पहला, यह भीड़ के निषेधात्मक प्रभावों को पर्यावरण के दबाव के कारक के रूप में हमको समझाता है।
दूसरा, यह हमें हमारे सामाजिक संबंधों की व्याख्या करता है । उदाहरण के लिए माना कि दो व्यक्ति एक-दूसरे के बेहद निकट खड़े हैं तो वे एक दूसरे के मित्र या संबंधी ही होंगे। दूसरे उदाहरण द्वारा समझते हैं कि आप अपने किसी मित्र से मिलने जाते हैं और वह मित्र जिस कुर्सी पर बैठा है उसके पास की कुर्सी यदि खाली है तो आप उस पर ही बैठने की चेष्टा करेंगे परंतु यदि उस कुर्सी पर कोई तीसरा अपरिचित व्यक्ति बैठा है तो इस बात की संभावना कम हो जाती है कि आप उस अपरिचित व्यक्ति के पास वाली कुर्सी पर बैठें बल्कि तब आप अपने मित्र की दूसरी तरफ वाली कुर्सी, यदि वह खाली है तो उस पर बैठने की चेष्टा करेंगे।
तीसरा हमें ज्यादातर पता ही रहता है कि भौतिक स्थान में किस तरह परिवर्तन किया जा सके ताकि सामाजिक दबाव एवं असुविधा से बचकर सामाजिक अंतःक्रिया को आनंददायक बनाया जा सके। जैसे कि किसी विद्यालय में होने वाले अलग-अलग तरह के समाज समारोह में कुर्सियों को लगाने की व्यवस्था समारोह की प्रकृति के अनुसार की जाती है कि वह किस तरह का समारोह है।
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