मानव और पशु-पक्षी तथा अन्य जीवों के बीच एक सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में आपका क्या कर्तव्य
है?
'गिल्लू' पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
Answers
Answer: पशु -पक्षियों के बिना मानव जीवन की कल्पना करना उस जंगल की भांतिें होगा जिसमें पेड़ पौधे तो बहुत हो किंतु जीवन का सौंदर्य संगीत बिल्कुल न हो । हमारी भोर का प्रारंभ पक्षियों के कलरव द्वारा तथा दोपहर के एकाकीपन को दूर करता चौपायों का निनाद व शाम के समय अपने -अपने घरों को लौटता इन पशु पक्षियों का लघु- विशाल समूह हमारे जीवन में नीरसता को दूर करता हैै ।
यदि कभी कोई घायल या पीड़ित पशु - पक्षी हमें मिल जाएं तो हमारा यह कर्तव्य है कि हम हमारी संवेदना उसके साथ व्यक्त करते हुए उसके लिए यथायोग्य आश्रय, उपचार एवम् भरण- पोषण की व्यवस्था करें । इन मूक जीवों में प्रेम तथा भावनाओं को समझने की अद्भुत शक्ति होती है जिसके द्वारा ये समझ भी लेते हैं और व्यक्त भी करते हैं ।
जिस प्रकार "गिल्लू"पाठ में महादेवीजी की गिलहरी उर्फ गिल्लू उनके प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करती है । इस हेतु गिल्लू सतत समग्र प्रयासरत भी रहती थी । पर्यावरण के संतुलन और स्वच्छता में भी इन जीवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | अतएव इनसे सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने हेतु हमें निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए | इनकी उपस्थिति केवल प्राकृतिक सौंदर्य को ही नहीं बढ़ाती अपितु इन मूक प्राणियों से हमारा एक रिश्ता कायम कर सकती है जो परस्पर प्रेम की भाषा के द्वारा संचालित होता है ।