मानव सेवा ही माधव सेवा है - संवध लेखन
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मानव सेवा ही माधव सेवा है
भारतीय संस्कृति की पृष्ठभूमि मानव की कल्याण भावना पर ही निहित है वास्तव में परोपकार के समान दूसरा कोई धर्म और पुण्य नहीं है मानवता का उद्देश और हमारे जीवन की सार्थकता इसी में है की हम सदैव दूसरों के काम आये हमारे व्यस्तमय जीवन में से थोडा सा समय निसहाय्य लोगों के लिए खर्च करे उनकी सेवा में बिताए यही जीवन की सार्थकता है ..
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bulla hand plsese like the answer and plsese
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