मानवीय करुणा की दिव्य चमका के लेखक कौन है ?
a) श्यामचरण दुबे. b) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना c) फादर बुल्के d) कोई नहीं
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sarveshwar dyal saksena
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☆उत्तर ☆
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना [विकल्प ब]
मानवीय करुणा की दिव्य चमका के लेखक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना है।
लेखक परिचय :
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हिन्दी कवि एवं साहित्यकार थे। उनका जन्म वर्ष १९२७ में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ। वह अपनी प्रतेक रचना में सरल भाषा का प्रयोग करते है। इन्हों ने किया साहित्य पत्रिका "पराग" के सम्पादक एवं "दिनमान" में उपसंपादक बन कर काम किया है। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पुरी की है। उन्हें कविता, उपन्यास, कहानी एवं नाटक लिखने का अधिक ज्ञान था।
लेखक की रचनाएं :
- १. काठ की घंटियां
- २. एक सूनी नाव
- ३. गर्म हवाएं
- ४. मेघ आऐ
- ५. कुआनो नदी
- ६. जंगल का दर्द
- ७. तीसरा सप्तक
- ८. खूंटियों पर टंगे लोग
- ९. क्या कह कर पुकारूं
- १०. बांस का पुल
- ११. अब गरीबी हटाओ
- २२. उड़े हुए रंग
- १३. शमशेर
- १४. रूपमती बाज बहादुर तथा होरी धूम मचोरी मंचन
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