मापतौल की सामान्य इकाई की कमी
वस्तु विनिमय प्रथा में यह कठिनाई थी कि जिन वस्तुओं का व्यापार होता
था, उनमें एक वस्तु का कितनी मात्रा का मूल्य दूसरी वस्तु की कितनी
मात्रा के बराबर हो।
- प्रासंगिक उदाहरण
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वस्तु विनिमय प्रथा की कठिनाई का प्रासंगिक उदाहरण
Explanation:
वस्तु फिल्में प्रथा में माप तोल की सामान्य इकाई नहीं हुआ करती थी जिससे बहुत कठिनाई आती थी।
उदाहरण:
- यह तय करने में बहुत मुश्किल आती थी कि एक चावल बोरी खरीदने के लिए कितने बुरे आटे के चाहिए।
- यदि किसी ऊंट के बदले कपड़ा खरीदना है तो यह निश्चित करना कि 1 ऊंट के बदले कितना कपड़ा लिया जाएगा बहुत ही मुश्किल होता था।
यह समस्या माप तोल की सामान्य इकाई ना होने के कारण चाहती थी। यह समस्या मुद्रा के आने से दूर हुई। हर चीज का एक मूल्य निश्चित कर दिया गया। अब हमें पता है कि 1 बोरी चावल के लिए कितने पैसे खर्च करने हैं तथा कपड़ा लेने के लिए कितने पैसे खर्च करने हैं।
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