Hindi, asked by dchakrawarti28, 18 days ago

मैं पढ़ लिखकर वकील बनूंगा अछूतों के लिए कानून बनाऊंगा ‌और छुआछूत को खत्म कर करूंगा कथन किसका है​

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Answered by shishir303
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मैं पढ़ लिखकर वकील बनूंगा और अछूतों के लिए कानून बनाऊँगा और छुआछूत को खत्म कर करूंगा। यह कथन भारत के प्रथम कानून मंत्री और भारत के संविधान के मुख्य कर्ता-धर्ता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान निर्माताओं में से एक थे। वह भारत की संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। वह दलित समाज से आते थे। उन्होंने बचपन में दलित समाज का उत्पीड़न देखा था।  अछूतों के प्रति भेदभाव देखा था।

एक बार जब विद्यालय के दिनों में उनसे उनके अध्यापक ने पूछा कि तुम पढ़ लिख कर क्या बनोगे तो उस समय बालक भीमराव ने जवाब दिया था कि मैं पढ़ लिखकर वकील बनूंगा और अछूतों के लिए नया कानून बनाऊँगा और छुआछूत को खत्म करूंगा।

बाद में उन्होंने अपने संकल्प को पूरा किया और बड़े होकर वकालत पास की तथा भारत की आजादी के बाद भारत के कानून मंत्री भी बने। उन्होंने भारत के संविधान की रचना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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