Hindi, asked by patrasushama095, 11 months ago

*मेरी बाट देखती होगी'-नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप
अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है?​

Answers

Answered by ritikdancer2002r
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Answer:

माधवदास सेठ नन्ही चिड़िया को अपने पास रोकने के लिए कई तरह के लाले देता है परंतु उस चिड़िया को सेठ के लालच में कोई दिलचस्पी नहीं है। उसे अपनी मां की फिक्र हो रही है कि वह उसके घोंसले में इंतजार कर रही होगी। पशु-पक्षी हो या मनुष्य सभी को अपनी मां बहुत प्रिय होती है। मां के बिना बच्चे का जीवन अधूरा होता है। मां ही हमें अच्छे बुरे का ज्ञान करवाती है। वह आने वाले सुख-दुख से परिचित करवाती है। एक दिन मेरी मां को कुछ जरूरी काम से बाहर जाना पड़ गया। वह मेरे लिए खाना बना कर रख गई थी परंतु मेरी लापरवाही से वह खाना बंदर  उठा कर ले गया। मुझे बहुत जोर की भूख लगी थी। मुझे खाना बनाना नहीं आता था। कुछ देर तक मां का इंतजार किया परंतु वह नहीं आई। फिर अपने आप खाना बनाने का प्रयास किया। जैसी भी कच्ची पक्की रोटी बनी खा ली। खाना बनाते समय कई बार हाथ जला और गर्मी अनुभव हुई। उस दिन मुझे अनुभव हुआ की मां हमारे लिए गरम गरम खाना बनाते समय कितनी बार अपना हाथ जलाती होगी। मां के आते ही मैं अपनी मां से चिपक गई। उस दिन मैंने मन ही मन अपने आप से वायदा किया कि आगे से मां के साथ काम करवाया करूंगी और कोई लापरवाही नहीं करूंगी।

Answered by Anonymous
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Answer:

हमारी जिंदगी में माँ का महत्त्वपूर्ण स्थान है। माँ दुख-सुख में सदैव अपने बच्चों के साथ रहती है। माँ हमारे जीवन की सभी परेशानियों को दूर करते हुए सारे दुखों और कष्टों को स्वयं झेल जाना चाहती है। हमारा पालन-पोषण करती है, हमें सभी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराती है तथा दुख की घड़ी में ढाढ़स बँधाती है। माँ का स्नेह और आशीर्वाद बच्चे की सफलता में योगदान देता है। अतः हम माँ के ऋण से उऋण नहीं हो सकते। यही कारण है कि जब चिड़िया को माधवदास के घर देर होने लगती है तो रह-रहकर वह यही कहती है कि माँ इंतजार करती होगी।

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