Hindi, asked by drsanjn, 1 month ago

मुर्गा और लालची आदमी पर लघु कथा​

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Answered by poojadighliya
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एक गाँव में एक गरीब किसान अपने पत्नि के साथ रहता था. दोनो पति-पत्नि दिन भर खेत में काम किया करते थे. फिर भी उनको दो वक़्त का खाना बहुत मुश्किल से नसीब हो पाता था.एक दिन किसान कुछ मुर्गियाँ खरीद कर लाया. वह उनके अंडे बेचकर पैसे कमाना चाहता था. उन मुर्गियों में से एक मुर्गी अद्भुत थी. वो रोज़ सोने का एक अंडा दिया करती थी.

किसान को अब रोज़ सोने का एक अंडा मिलने लगा. जिसे बेचकर उसे अच्छे पैसे मिलने लगे. धीरे-धीरे किसान की गरीबी दूर होती गई और वह अपने गाँव का एक धनी किसान बन गया.

किसान अपने जीवन से संतुष्ट था. लेकिन उसकी पत्नि को और पैसों का लालच था. एक दिन वह किसान के पास गई और बोली, “कब तक हम एक-एक अंडा बेचकर थोड़े-थोड़े पैसे कमाते रहेंगे? क्यों न एक बार ही में हम मुर्गी के पेट से सारे सोने के अंडे निकाल ले और उन्हें बेच दें. इस तरह हम एक बार में ही ढेर सारे पैसे इकठ्ठे कर लेंगे और बहुत धनवान हो जायेंगे.

किसान को अपनी पत्नि की बात जंच गई. वो एक बड़ा सा चाकू लेकर मुर्गियों के दड़बे में गया. वहाँ सोने का अंडा देने वाली मुर्गी का पेट उस चाकू से चीर दिया. लेकिन यह क्या? उसके पेट में एक भी सोने का अंडा नहीं था. यह देख किसान और उसकी पत्नि अपने किये पर पछताने लगे. उनके लालच के कारण रोज़ सोने का अंडा देने वाली मुर्गी मर गई और उनके हाथ कुछ नहीं आया. इसलिए कहते हैं कि लालच बुरी बला है.

सीख – इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि लालच का फ़ल बुरा होता है. लालच के कारण अंत में पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचता.  

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