मेरा गांव का मेला हिंदी निबंध
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महाराणा प्रताप अपने दादा राणा सांगा के समान एक अच्छे योद्धा थे। उनके पिता द्वारा, अकबर से डरकर चितौड़ छोड़ना उनको बिल्कुल अच्छा नहीं लगा था। वह चितौड़ को अकबर के चंगुल से छुड़वाना चाहते थे। अतः उन्होंने प्रतिज्ञा की कि ‘वह जब तक चितौड़ वापस नहीं ले लेंगे तब तक से भूमि पर सोयेंगे, पत्तों पर भोजन करेंगे व अपनी मूछों पर ताव नहीं देंगे।’
अकबर एक नीतिकुशल सम्राट था। उसने बहुत से राज्यों को जीता था। महाराणा प्रताप पर विजय हासिल करने के लिये उसने अपने सेनापति को एक बड़ी सेना देकर भेजा। सन् 1576 ई. में हुआ हल्दी घाटी का युद्ध बहुत प्रसिद्ध है। महाराणा प्रताप ने मुट्ठी पर सैनिकों के साथ अकबर की विशाल सेना का मुकाबला किया, किन्तु अंत में अपने प्रिय घोड़े चेतक के साथ वह जंगलों में भाग गये।
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मैं बेहद खुश था क्योंकि मेले में बहुत कुछ देखने को मिलता है.मैंने अपने एक दोस्त से भी अपने साथ चलने के लिए कहा वह भी तैयार हो गया अब हम मेले के लिए निकलने वाले थे तभी मैंने अपने दोस्त को फोन किया और वह भी एक जगह पर मिल गया और हम सभी एक साथ मेला देखने के लिए निकल पड़े.जब हम टेकरी सरकार के उस मेले में पहुंचे तो हमने देखा कि वहां पर बहुत भीड़ पड़ी है इतनी ज्यादा भीड़ कि ऐसा लग रहा था कि पैर रखना भी मुश्किल होगा.हम देख रहे थे कि हर कोई आगे निकलने के लिए एक दूसरे में धक्के दे रहा था और वहां पर बहुत ज्यादा शोर शराबा हो रहा था हमने उन सभी की तरह मेले में अंदर जाने का सोचा और आगे जाने लगे.हम जब मेले में पहुंचे तो सबसे पहले मेरे पिताजी के कहने पर हम टेकरी सरकार के मंदिर पर गए वहां से आने के बाद हमने मिलकर मेला देखा मैंने देखा कि उस मेले में चारों और तरह-तरह की दुकाने लगी हुई है लोग बेहद खुश हैं वहां पर खाने पीने की दुकानें ,खिलौने की दुकानें, पुस्तकों की दुकानें,चारों और सुसज्जित हो रही थी.
मैं और मेरा परिवार बेहद खुश था मैंने देखा कि मेले में ऊपर जाने वाला झूला, मौत का कुआं जादू का खेल बताने के लिए लोग वहां पर उपस्थित थे मैंने भी अपने परिवार के सदस्यों और अपने दोस्त के साथ झूले में झूलना चाहा.हम जब झूले में बैठे और ऊपर की तरफ गए तो मुझे बेहद खुशी हुई ,झूला झूलने के बाद मुझे ऐसा लगा कि एक बार और झूला झूलना चाहिए उसके बाद हमने मौत का कुआं देखा जिसमें कुएं की दीवार पर चलती मोटरसाइकिल और जीप ने हमारा मनोरंजन किया हम उसे देख कर बहुत ही आश्चर्यचकित थे इसके बाद हम जैसे ही वहां से बाहर निकल रहे थे तब हमने जादू के खेल के लिए बाहर पोस्टर लगे हुए देखे. मैंने अपने दोस्त से उस जादू का खेल देखने के लिए चलने को कहा.हम दोनों जादू का खेल देखने अंदर चले गए.जादूगर के द्वारा बताए गए तरह तरह के खेल हमको बहुत भाये. हमको ऐसा लगा कि ऐ कैसे हो सकता है.हमने वहां पर देखा की एक लड़की पर कुछ रोशनी पड़ती है और वह नागिन का रुप ले लेती है इस तरह से उसने नागिन कमल का फूल जैसे रूप बदले.
हम यह सब देखकर बेहद आश्चर्यचकित थे हमने इस जादू के खेल में तरह-तरह के आश्चर्यचकित जादू देखें जो कुछ हाथ की सफाई थी और कुछ ऐसा लग रहा था कि सचमुच जादू थे हम यह सब देख कर वहां से बाहर निकल गए उसके बाद मैंने और मेरे परिवार ने हमारे परिवार के बच्चों को कुछ खिलौने लिए जिसमें हाथी घोड़ा कार मोटरसाइकिल कैसे खिलौने थे इसके बाद अब हमने खाना खाने का सोचा वहां पर उपस्थित तरह तरह के पकवान हमारे पूरे परिवार ने खाए,वहां पर घूमने में ऐसा लग रहा था कि हम यहीं पर काफी समय तक रुके,कुछ समय तक हम वहां पर भी रुके लेकिन फिर हम वापस अपने घर आ गए लेकिन घर आने के बाद उस मेले के दृश्य हमारी आंखों में बार-बार आ रहे थे. रात में सोने से पहले भी उस मेले के दृश्य आंखों में आ रहे थे फिर थोड़ी देर सोचते हुए मेरी नींद लग गई.