Hindi, asked by maitreyasale, 4 months ago

"मेरे ही समझाने बुझाने से इस गाँव में कई घर संभल गए।पर जिस स्त्री की मान प्रतिष्ठा का ईश्वर के
दरबार में उत्तरदाता हूँ, उसके प्रति ऐसा घोर अन्याय और पशुवत व्यवहार असहय है।"

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Answered by bhatiamona
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"मेरे ही समझाने बुझाने से इस गाँव में कई घर संभल गए।पर जिस स्त्री की मान प्रतिष्ठा का ईश्वर के दरबार में उत्तरदाता हूँ, उसके प्रति ऐसा घोर अन्याय और पशुवत व्यवहार असहय है।"

यह पंक्तियाँ बड़े घर की बेटी कहानी से ली गई है | बड़े घर की बेटी कहानी मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई है | कहानी में उन्होंने संयुक्त परिवार में उत्पन्न होने वाली समस्याओं , कहलों और बाद आपस में समझदारी से सब कुछ ठीक करने के हुनर का वर्णन किया है |  

आनंदी में आत्मसम्मान तथा स्वाभिमान लड़की थी | वह अपने ससुराल में मायके की निंदा के खिलाफ हमेशा लड़ी |आनंदी बड़े दिल वाली महिला थी | आनंदी को बातों की समझ थी |  उसे परिस्थितियों को सम्भालना अच्छे से आता था |

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