मेरे हँसते अधर नहीं,
जग की आँसू-लड़ियाँ देखो।
मेरे गीले पलक छुओ मत,
मुरझाई कलियाँ देखो।
हँस देता नव इंद्रधनुष की,
स्मित में घन मिटता-मिटता।
रंग जाता है विश्व राग से,
निष्फल दिन ढलता-ढलता।
(is pankti ka bhawarth likhe)
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While reflected we can see. Identify the figure of speech
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