मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध (250 words)
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स्कूल में पढ़ता था तब हमारे शिक्षक हमें कहते थे कि जीवन में आपको कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरूरी है अगर आप बिना लक्ष्य के जीवन जीने की कल्पना कर रहे हैं तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि अगर जीवन में आपका कोई लक्ष्य नहीं होगा तो आप इधर उधर भटकते रहेंगे.
और यह सही भी है क्योंकि अगर आज से ही लक्ष्य नहीं बनाएंगे तो हमें पता कैसे चलेगा कि हमें किस विषय पर तैयारी करनी है और आगे जाकर हमें क्या बनना है तो जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है.
Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Doctor in Hindi
मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर एक अच्छा और विवेकशील डॉक्टर बनू. क्योंकि मैं बचपन से देखता रहा हूं हमारे गांव में डॉक्टरों की बहुत कमी है और हमारे गांव के लोगों को शहरों में इलाज करने के लिए जाना पड़ता है जहां पर उनका खर्चा भी अधिक हो जाता है.
और पैसों की कमी की वजह से उनका इलाज नहीं हो पाता है जिस कारण रोगी को बिना इलाज कराएं ही लौटना पड़ता है. अगर किसी रोगी का इलाज नहीं हो पाए तो उसे बहुत ही आघात पहुंचता है और वह सोचता है कि वह कभी ठीक नहीं हो पाएगा इसलिए कभी-कभी तो लोग बीमारियों से परेशान होकर आत्महत्या भी कर लेते है.
इसलिए मैं नहीं चाहता कि कोई भी व्यक्ति बिना इलाज के रह जाए. मेरा मकसद डॉक्टर बनकर सिर्फ पैसा कमाना नहीं है क्योंकि अगर मुझे पैसा ही कमाना होता तो मैं डॉक्टर ना बन कर कोई बिजनेसमैन बन जाता कि मैं खूब सारा पैसा कमा पाऊं.
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लेकिन कुछ डॉक्टर सिर्फ पैसा कमाने के लिए डॉक्टर बनते है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है वे डॉक्टर बनते समय जो शपथ लेते है पैसों के आगे वह शपथ को भूल जाते हैं और मरीजों को लूटने लग जाते है. हमारे देश में ज्यादातर लोग गरीब ही होते है अगर उन्हीं को लूट लिया जाएगा तो वे अपना जीवन कैसे चला पाएंगे.
क्योंकि एक गरीब व्यक्ति भी अपने जीवन में काफी कुछ करना चाहता है इसलिए वह जीवन भर पैसा जोड़ता रहता है लेकिन जब घर में कोई बीमार हो जाता है तो सारा पैसा उसी पर खर्च हो जाता है जिसके कारण वह और गरीब हो जाते है. और कुछ लोग तो कर्जा लेकर इलाज करवाते हैं इसलिए डॉक्टर को की भावना से ही रोगियों का इलाज करना चाहिए.
मैं चाहता हूं कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनू और अपने गांव के लोगों का इलाज करूं. मेरे जीवन का सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि मैं डॉक्टर बन कर लोगों की सेवा करू. मैं चाहता हूं कि मैं अपने गांव में एक बड़ा हॉस्पिटल बना हूं जिसमें मैं सभी लोगों का इलाज करूं.
हमारे यहां डॉक्टर को भगवान के बराबर दर्जा दिया जाता है क्योंकि जब भी कोई गंभीर बीमारी या फिर एक्सीडेंट हो जाता है तो उसको एक डॉक्टर ही सही कर सकता है. और अगर जीवन में हम किसी का जीवन बचा ले तो इससे बड़ी और क्या सेवा होगी इसीलिए मैंने अपने जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना ही रखा है.
मैंने सिर्फ Doctor बनना लक्ष्य ही नहीं रखा है इसके लिए दिन-रात प्रयत्न नहीं कर रहा हूं. इसीलिए मैंने विद्यालय में बायोलॉजी विषय को चुना था और अब MBBS की तैयारी कर रहा हूं जिसके लिए रोज 20 घंटे पढ़ रहा हूं. और साथ में अच्छे और महान लोगों की पुस्तकें पढ़ रहा हूं ताकि मैं लोगों को समझ पाऊं पर यह भी देख पाऊं कि उन महान लोगों ने अपने जीवन को कैसे जिया और अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया.
कुछ लोग लक्ष्य तो बना लेते हैं लेकिन उसके लिए प्रयत्न नहीं करते हैं जिस कारण वे असफल हो जाते हैं और फिर कहते हैं कि लक्ष्य बनाने से कुछ नहीं होता है हमें आज तक सफलता नहीं मिली. हमें ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए क्योंकि यह हमेशा हमें लक्ष्य से दूर भटकाते है.
आज हमारे देश में टी.बी, शुगर, कैंसर जैसी कई बीमारियां पनप रही है जिसके कारण प्रतिदिन कई रोगियों की मौत हो जाती है इसका एक कारण यह भी है कि हमारे देश में डॉक्टरों की बहुत कमी है. और दूसरा कारण यह भी है कि लोगों के पास इन बीमारियों का इलाज कराने के लिए पैसा ही नहीं होता है.
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मैं चाहता हूं कि मैं एक बड़ा Doctor बनकर इन सभी बीमारियों का इलाज करू. वह भी कम पैसों में ताकि अगर कोई गरीब अपना इलाज कराना चाहिए तो वह हॉस्पिटल में जाने से पहले घबराएं नहीं उसे ऐसा नहीं लगेगी अगर मैं डॉक्टर के पास गया तो मुझे लूट लिया जाएगा.
मैं डॉक्टर बन कर मरीजों का इलाज तो करवा ही साथ ही उनके साथ अच्छा व्यवहार ही करूंगा क्योंकि एक मरीज पहले से ही बीमारियों के चुंगल में फंसने के कारण बहुत निराश हो जाता है और ना खुश रहने लगता है इसलिए जब मैं उनके पास जाऊंगा तो खुशी से बात करूंगा जैसे कि वह मेरे परिवार की सदस्य ही हो.
क्योंकि मैंने कुछ किताबों में बड़ा है कि अगर किसी से मुस्कुरा कर बात कर लिया जाए तो उसकी आधी बीमारी तो ऐसे ही ठीक हो जाती है. मैं चाहता हूं कि मैं यह सभी बातें अपने जीवन में उतारू और सभी लोगों में खुशियां बांटू तभी शायद मेरे डॉक्टर बनने का मकसद पूरा हो पाएगा.
मैं एक इमानदार, विवेकशील डॉक्टर बनना चाहता हूं जिसका मकसद गरीब एवं असहाय लोगों का इलाज करना होगा यही मेरे जीवन का लक्ष्य है.
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मैं जब स्कूल में पढ़ता था तब हमारे शिक्षक हमें कहते थे कि जीवन में आपको कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरूरी है अगर आप बिना लक्ष्य के जीवन जीने की कल्पना कर रहे हैं तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि अगर जीवन में आपका कोई लक्ष्य नहीं होगा तो आप इधर उधर भटकते रहेंगे.
और यह सही भी है क्योंकि अगर आज से ही लक्ष्य नहीं बनाएंगे तो हमें पता कैसे चलेगा कि हमें किस विषय पर तैयारी करनी है और आगे जाकर हमें क्या बनना है तो जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है.
मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर एक अच्छा और विवेकशील डॉक्टर बनू. क्योंकि मैं बचपन से देखता रहा हूं हमारे गांव में डॉक्टरों की बहुत कमी है और हमारे गांव के लोगों को शहरों में इलाज करने के लिए जाना पड़ता है जहां पर उनका खर्चा भी अधिक हो जाता है.
और पैसों की कमी की वजह से उनका इलाज नहीं हो पाता है जिस कारण रोगी को बिना इलाज कराएं ही लौटना पड़ता है. अगर किसी रोगी का इलाज नहीं हो पाए तो उसे बहुत ही आघात पहुंचता है और वह सोचता है कि वह कभी ठीक नहीं हो पाएगा इसलिए कभी-कभी तो लोग बीमारियों से परेशान होकर आत्महत्या भी कर लेते है.
इसलिए मैं नहीं चाहता कि कोई भी व्यक्ति बिना इलाज के रह जाए. मेरा मकसद डॉक्टर बनकर सिर्फ पैसा कमाना नहीं है क्योंकि अगर मुझे पैसा ही कमाना होता तो मैं डॉक्टर ना बन कर कोई बिजनेसमैन बन जाता कि मैं खूब सारा पैसा कमा पाऊं.