Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

मीरा के पदों का केंद्रीय भाव स्पष्ट करें

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Answered by abhishek665
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HEY MATE HERE IS YOUR ANSWER!!!

इस पद में मीरा ने भगवान विष्णु की भक्तवत्सल्य का चित्रण किया है|हरि विष्णु का एक प्रचलित नाम है |मीरा ने कई उदाहरण देकर यह बताया है कि कैसे भगवान विष्णु भवतो की पीड़ा हरते है|

जब द्रौपदी की लाज संकट में पड़ गयी थी तो हरि ने कृष्ण के अवतार में अनंत साड़ी प्रदान कर के द्रौपदी की लाज बचाइ थी।

प्रल्हाद भी विष्णु के अनन्य भक्तो में से एक थे।जब प्रल्हाद का जीवन संकट में पड़ गया था तब विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर प्रल्हाद की रक्षा की थी।जब ऐरावत को मगरमच्छ ने पकड़ लिया था तो विष्णु ने मग्गरमछ को मारकर उसकी जान बचाई थी।

मीराबाई का कहना है कि जो भी सच्चे मन से हरि की आराधना करेगा हरि हमेशा उसका कष्ट दूर करेंगे ।मीरा कहती है कि वो भी कृष्ण की दासी है ।क्योंकि कृष्ण हरि के ही रुप है।इसलिये वो मीरा का भी दुख दूर करेंगे।

hope u understand and my answer helped you!!



Anonymous: Thank You so much!!!!
abhishek665: welcome
Answered by shaurya2401200pcxnd2
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इस पद में मीरा ने भगवान विष्णु की भक्तवत्सल्य का चित्रण किया है|हरि विष्णु का एक प्रचलित नाम है |मीरा ने कई उदाहरण देकर यह बताया है कि कैसे भगवान विष्णु भवतो की पीड़ा हरते है| जब द्रौपदी की लाज संकट में पड़ गयी थी तो हरि ने कृष्ण के अवतार में अनंत साड़ी प्रदान कर के द्रौपदी की लाज बचाइ थी। प्रल्हाद भी विष्णु के अनन्य भक्तो में से एक थे।जब प्रल्हाद का जीवन संकट में पड़ गया था तब विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर प्रल्हाद की रक्षा की थी।जब ऐरावत को मगरमच्छ ने पकड़ लिया था तो विष्णु ने मग्गरमछ को मारकर उसकी जान बचाई थी। मीराबाई का कहना है कि जो भी सच्चे मन से हरि की आराधना करेगा हरि हमेशा उसका कष्ट दूर करेंगे ।मीरा कहती है कि वो भी कृष्ण की दासी है ।क्योंकि कृष्ण हरि के ही रुप है।इसलिये वो मीरा का भी दुख दूर करेंगे।

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