मीरा की रचनाओं में भक्ति - भावना निहित है - स्पष्ट कीजिए I
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मीरा की रचनाओं में भक्ति भावना निहित है। मीराबाई की सभी रचनाओं में भगवान श्री कृष्ण की स्तुति की है। मीराबाई भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य देव मानती है तथा उन्हीं को लक्षित करके उन्होंने अपनी रचनाएं लिखी हैं।
मीराबाई भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त है तथा उसे आस है कि एक दिन वे उनसे मिलने जरूर आएंगे। मीराबाई कहती है भगवान श्रीकृष्ण की शरण में जो आ जाता है वह उन सब का उद्धार कर देते हैं। मीराबाई अपनी एक रचना में कहती हैं कि आज उसके प्रभु श्री कृष्ण उनसे मिलने आने वाले हैं जिस कारण उसका मन उमंग और उत्साह से भर गया है।मीराबाई भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मानती है तथा वह उनकी भक्ति में ही लीन रहती हैं। उन्होंने अपनी भक्ति भावना को अपनी रचनाओं में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है।
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Question:- मीरा की भक्ति भावना का परिचय दीजिए⤵
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Question:- मीरा की भक्ति भावना का परिचय दीजिए⤵Answer:-⤵आसमान में जितने सितारे हैं उनसे ज्यादा प्रेम था प्रेम की भावना थी मीरा के दिन में श्री कृष्ण के लिए एक भक्तों की तरह अब यह तो सभी जानते हैं कि आसमान में तेरे सितारे हैं कि उन्हें कोई नहीं गिर सकता लेकिन आसमान के सितारों से ज्यादा मीरा के भक्ति के प्रेम में था कि कोई भी मीरा का प्रेम बता नहीं सकता कि कितना प्रेम मीरा करती थी स्वीकृत से जैसे कि कोई दिन नहीं सकता आसमान में कितने सितारे हैं उसी तरह कोई बता नहीं सकता कि मेरा के दिल में कितना प्रेम है भगवान श्री कृष्ण फिल्म कितनी बड़ी भक्त है.