Hindi, asked by ranjanajhadar1189, 11 months ago

मेरी कक्षा-अध्यापिका पर निबंध | Write an essay on My Class Teacher in Hindi

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Answered by coolthakursaini36
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                                  “मेरी कक्षा अध्यापिका”

अज्ञान रूपी अंधे की ज्ञान रूपी सुई से खोल दी है  आंखें जिसने, उस गुरु को नमस्कार!

गुरु की महिमा का वर्णन करें तो शब्द ही कम पड़ जाते हैं। गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है।

मेरी कक्षा की अध्यापिका श्रीमती आराधना जी हैं । वे हमें हिंदी विषय पढ़ाते हैं। वे नियमित रूप से स्कूल आते हैं। सभी के साथ बड़ी विनम्रता के से बात करते हैं। उनकी उम्र लगभग 30 वर्ष है। अरे हमें बड़े प्यार से पढ़ाते हैं। उन्होंने ही हमें सिखाया है कि हमें सन्मार्ग की ओर जाना है। उन्होंने ही हमें बोध कराया है सत्य- असत्य का धर्म- अधर्म का पाप और पुण्य का।

कि हमें बड़ों से किस तरह का व्यवहार करना चाहिए । छोटो से किस तरह का व्यवहार करना चाहिए । और अपने गुरुओं का आदर कैसे करना चाहिए। वे हम छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए सदा तत्पर रहते हैं। हमको हमेशा हमारे लक्ष्य की ओर प्रेरित करते हैं और हमारे अंदर देश भक्ति की भावना भरते हैं। उनका मानना है कि राष्ट्र सर्वोपरि है।

पाठशाला में अन्य गतिविधियों को बढ़ाने में भी उनका काफी योगदान रहता है। वह हम बच्चों को विद्यालय को साफ सुथरा रखने के लिए हमेशा प्रेरित करती हैं। उन्होंने हमसे पाठशाला के चारों और पेड़ लगवाए हैं, विद्यालय के सामने सुंदर फूलों की क्यारियां बनवाई हैं।

मुझे मेरी कक्षा अध्यापिका पर गर्व है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि उनके द्वारा दिया गया ज्ञान मेरी जिंदगी में बहुत काम आएगा।


Answered by KamaldevSharma
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Answer:

हम सभी के जीवन में शिक्षक का बहुत महत्व होता हैं | एक शिक्षक को भगवान से भी बढ़कर दर्जा दिया गया हैं, क्यों की माता – पिता के बाद ही शिक्षक छात्र के अन्दर सोचने और समझने की शक्ति को विकसित करते हैं |

शिक्षक पुरे संसार में ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं | माता – पिता यह हमारे जीवन के सबसे पहले गुरु होते हैं | उसके बाद शिक्षक हमें अज्ञान रूपी अंधकार से हमारे जीवन पर ज्ञान रूपी प्रकाश डालते हैं |

शिक्षकों का एक ही उद्देश होता हैं की, छात्र अपने जीवन में सफल हो जाये और उसका नाम गर्व से ऊँचा करे | लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं, जिनका व्यक्तित्व, पढ़ाने का टिका और उनका आचरण काफी प्रभावित करता हैं | जिसकी वजह से वो बच्चों के आदर्श और प्रिय शिक्षक या शिक्षिका बन जाते हैं |

हमारे स्कूल में बहुत सारे शिक्षक और शिक्षिका हैं | उन सभी में से मेरी प्रिय अध्यापिका विज्ञानं की शिक्षिका हैं | उनका नाम स्नेहा रावत हैं | वह स्कूल के परिसर के पास में ही रहती हैं |

यह हम सभी को बहुत अच्छे से पढ़ाती हैं | उनका एक अनोखा व्यक्तिमत्व हैं | यह स्कूल की सबसे अच्छी अध्यापिका हैं और यह मेरे दोस्तों को भी बहुत पसंद हैं |

कोई भी छात्र उनके पढ़ाने पर उबता नहीं हैं, क्यों की वो पढाई के दौरान मनोरंजक बाते भी बताती हैं | वो कक्षा में जो पाठ अगले दिन पढाया जाता हैं, उसे सभी छात्रों को गहर से पढ़कर आने के लिए कहती हैं |

वह सभी छात्रों के साथ बहुत ही मित्रवत की तरह व्यवहार करती हैं | इसलिए हमें उनसे डर नहीं लगता हैं |

हम बिना किसी डर से उनके केबिन या कक्षा में उनसे कोई भी सवाल पूछते हैं | जब वो कक्षा में पढ़ाती हैं तब सभी छात्रों के गतिविधियों को देखती हैं |

उसके साथ शरारती बच्चों को दंडित करती हैं | वह हमेशा पढाई पर ध्यान देने के लिए कहती हैं और अध्यापक की बातों का पालन करने के लिए कहती हैं |

वह हमेशा हंस अभी से कहती हैं की अगर अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो अध्यापक के द्वारा बताई गयी बातों ध्यान रखना चाहिए |

उनकी बातों का जीवन भर पालन करना चाहिए | वह कभी भी कमजोर और बुद्धिमान बच्चों में भेदभाव नहीं करती हैं |

वो कमजोर बच्चों को अधिक मदद करती हैं | वह हमें कहती हैं की, हमेशा अपनी पढाई और जीवन के लक्ष्य के बारे में सोचना चाहिए |

मेरी प्रिय अध्यापिका से मुझे अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती हैं | उसके साथ – साथ मेरे अन्दर सकारात्मक भावना का संचार हो जाता हैं |

उनकी वजह से मेरा आचरण नैतिकवादी और आदर्शवादी बना हैं | मैं अपने प्रिय अध्यापिका के लिए सिर्फ इतना ही कहन चाहता हूँ की,

“नहीं है मेरे पास शब्द कि कैसे करुं धन्यवाद,

मुझे तो सिर्फ चाहिए बस आपका आर्शीवाद।

आज जो भी हूं उसमें है आपका बड़ा योगदान,

देने के लिए मुझे इतना ज्ञान।।”

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