Hindi, asked by shaikhabdulsattar126, 6 months ago

मेरे लिए कपड़े कौन लाएगा और जूते लाकर कौन देगा?' वाक्य के प्रकार पहचानो- ​

Answers

Answered by singhmohan351
6

Answer:

bhai ye kuch samjha nahi aaya sorry

Explanation:

follow me #suhani

Answered by roshanidevi43531
2

Answer:

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह समाज में दूसरों से जुड़ा रहता है। वह दूसरों से बातचीत करने के लिए भाषा का प्रयोग करता है। इसके लिए वह ध्वनियाँ निकालता है। इन्हीं ध्वनियों का सार्थक समूह शब्द और वाक्य का रूप ले लेते हैं। वह प्रायः वाक्यों के रूप में अपनी बातें कहता है।

परिभाषा :

सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिनके माध्यम से मन के भाव-विचार प्रकट किए जाते हैं, उन्हें वाक्य कहते हैं।

उदाहरण – पक्षी गीत गाते हैं।

वसंत ऋतु आते ही फूल खिल जाते हैं।

फैक्ट्रियाँ लगने से प्रदूषण बढ़ गया है।

उपर्युक्त वाक्य सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह है जिनसे भाव-विचारों की पूरी अभिव्यक्ति हो रही है।

वाक्य के तत्ववाक्य से भाव-विचारों की भलीभाँति अभिव्यक्ति हो, इसके लिए वाक्य में निम्नलिखित तत्व होने चाहिए –

1. सार्थकता – वाक्य की रचना सार्थक शब्द समूह द्वारा की जाती है ताकि वाक्य से उचित अर्थ की अभिव्यक्ति हो सके; जैसे –

प्रातः होते ही पक्षी कलरव करने लगे।

सालभर मेहनत करने के कारण ही वह कक्षा में प्रथम आया।

कभी-कभी निरर्थक शब्द भी वाक्य में प्रयुक्त होकर अर्थ का बोध कराने लगते हैं, जैसे

सुमन, इस भिखारी को कुछ खाना-वाना दे देना।

ये गौरैयाँ कब से बक-झक किए जा रही हैं।

2. आकांक्षा – किसी वाक्य के एक पद को सुनकर अन्य आवश्यक पद को सुनने या जानने की जो उत्कंठा प्रकट होती है, उसे आकांक्षा कहते हैं; जैसे – मैदान में खेल रहे हैं।

यह वाक्य सुनते ही हमारे मन में प्रश्न उठता है- मैदान में कौन खेल रहे हैं? हमें इसका उत्तर मिलता है –

लड़के मैदान में खेल रहे हैं।

यहाँ ‘लड़के’ शब्द जोड़ देने से वाक्य पूरा हो गया। इससे पहले वाक्य को ‘लड़के’ शब्द की आकांक्षा थी जिसके जुड़ते ही यह आकांक्षा समाप्त हो गई।

3. योग्यता – वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक शब्द (पद) प्रसंगानुरूप अर्थ प्रदान करता है। इसे ही योग्यता कहते हैं।

जैसे – किसान कुदाल से खेत जोतता है।

इस वाक्य में योग्यता का अभाव है क्योंकि कुदाल से खेत की जुताई नहीं की जाती है। कुदाल के स्थान पर ‘हल’ का प्रयोग करने से वाक्य में वांछित योग्यता आ जाती है। तब वाक्य इस तरह हो जाएगा- किसान हल से खेत जोतता है।

4. निकटता – वाक्य के किसी शब्द को बोलते या लिखते समय अन्य शब्दों में परस्पर निकटता होना आवश्यक है। इसके अभाव में शब्दों से अभीष्ट अर्थ की प्राप्ति नहीं हो पाती है; जैसे –

गाय … घास … चर रही है।

2. निषेधवाचक या नकारात्मक वाक्य-जिन वाक्यों से क्रिया न होने या न किए जाने का भाव प्रकट होता है, उसे नकारात्मक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण – इन वाक्यों की पहचान न, मत, नहीं देखकर की जा सकती है।

पक्षी घोंसले से नहीं उड़े हैं।

कविता ने पाठ नहीं याद किया है।

नदी में बाढ़ नहीं आई है।

ऐसी सरदी में बाहर मत जाओ।

रोहन धूप में न निकलना।

3. प्रश्नवाचक वाक्य-जिन वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है तथा जिनमें कुछ उत्तर पाने की जिज्ञासा रहती है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।

प्रश्नवाचक वाक्यों की पहचान –

क्या, कब, क्यों, कैसे, कौन, किसे, किसका आदि प्रश्नवाचक शब्द देखकर

वाक्य के अंत में लगे प्रश्नवाचक चिह्न (?) को देखकर की जाती है।

उदाहरण –

ऐसी धूप में बाहर कौन खड़ा है?

रमा कब आई?

तुम कल विद्यालय क्यों नहीं आए?

कल तुमने क्या-क्या खाया था?

विक्रम किसकी राह देख रहा है?

4. आज्ञावाचक वाक्य-जिन वाक्यों में आज्ञा या अनुमति देने-लेने का भाव प्रकट होता है, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों का दूसरा नाम आज्ञासूचक या विधिवाचक वाक्य भी है।

उदाहरण –

किताब के पेज मत फाड़ो।

किसलय, अब पढ़ने बैठ जाओ।

दीवारों को साफ़ कर दो।

अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगाना।

यह काम कल तक ज़रूर पूरा कर देना।

5. इच्छावाचक वाक्य-जिन वाक्यों में वक्ता की इच्छा, कामना, आशीर्वाद आदि का भाव प्रकट होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।

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