"मेरी माँ " विषय पर
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माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। यहीं कारण है प्रायः संसार में ज्यादेतर जीवनदायनी और सम्माननीय चीजों तो माँ के संज्ञा दी गयी है जैसे कि भारत माँ, धरती माँ, पृथ्वी माँ, प्रकृति माँ, गौ माँ आदि। इसके साथ ही माँ को प्रेम और त्याग की प्रतिमूर्ति भी माना गया है। इतिहास कई सारी ऐसे घटनाओं के वर्णन से भरा पड़ा हुआ है। जिसमें मताओं ने अपने संतानों के लिए विभिन्न प्रकार के दुख सहते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। यही कारण है कि माँ के इस रिश्तें को आज भी संसार भर में सबसे सम्मानित तथा महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक माना जाता है।
हमारे आदर्श जीवन के निर्माण में हमें हमारे माँ द्वारा दी गयी शिक्षाएं काफी महत्व रखती हैं क्योंकि बचपन से ही एक माँ अपने बच्चे को नेकी, सदाचार तथा हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है। जब भी हम अपने जीवन में अपना रास्ता भटक जाते हैं तो हमारी माँ हमें सदैव सदमार्ग पर लाने का प्रयास करती है।
हमारे आदर्श जीवन के निर्माण में हमें हमारे माँ द्वारा दी गयी शिक्षाएं काफी महत्व रखती हैं क्योंकि बचपन से ही एक माँ अपने बच्चे को नेकी, सदाचार तथा हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है। जब भी हम अपने जीवन में अपना रास्ता भटक जाते हैं तो हमारी माँ हमें सदैव सदमार्ग पर लाने का प्रयास करती है।कोई भी माँ कभी यह नही चाहती है कि उसका बेटा गलत कार्यों में लिप्त रहे। हमारे प्रारंभिक जीवन में हमें अपनी माँ द्वारा कई ऐसी आवश्यक शिक्षाएं दी जाती हैं, जो आजीवन हमारे काम आती है। इसलिए एक आदर्श जीवन के निर्माण में माँ का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है।
इस बात को मैं काफी गर्व और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस दुनिया में मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है क्योंकि मुझे जन्म देने के साथ ही उसने मुझे मेरे शुरुआती जीवन में वह हर एक चीज सिखायी है, जिसके लिए मैं पूरे जीवन उसका आभारी रहूंगा। जब मैं छोटा था तो मेरी माँ ने मेरी उंगली पकड़कर चलना सिखाया। जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो मेरी माँ ने मुझे कपड़े पहनना, ब्रश करना, जूते का फीता बांधना सिखाने की साथ ही घर पर मुझे प्रारंभिक शिक्षा भी दी।
इस बात को मैं काफी गर्व और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस दुनिया में मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है क्योंकि मुझे जन्म देने के साथ ही उसने मुझे मेरे शुरुआती जीवन में वह हर एक चीज सिखायी है, जिसके लिए मैं पूरे जीवन उसका आभारी रहूंगा। जब मैं छोटा था तो मेरी माँ ने मेरी उंगली पकड़कर चलना सिखाया। जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो मेरी माँ ने मुझे कपड़े पहनना, ब्रश करना, जूते का फीता बांधना सिखाने की साथ ही घर पर मुझे प्रारंभिक शिक्षा भी दी।जब भी मैं किसी कार्य में असफल हुआ तो मेरी माँ ने मुझमें और भी विश्वास जगाया। जब भी मैं किसी समस्या में था तो मेरी माँ ने हरसंभव प्रयास किया कि मैं उस बाधा को पार कर लूं। भले ही मेरी कोई बहुत पढ़ी-लिखी महिला ना हो लेकिन उसके जिदंगी के तुजर्बे से प्राप्त ज्ञान की बातें किसी इंजीनियर या प्रोफेसर के तर्कों से कम नही है। आज भी वह मुझे कुछ ना कुछ जरुर सिखा पाती है क्योंकि मैं कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाऊ लेकिन जिंदगी के अनुभव में हमेशा उससे छोटा ही रहूंगा। वास्तव में मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है और उसके द्वारा दी जाने वाली हर एक शिक्षा अनमोल है।
इस बात को मैं काफी गर्व और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस दुनिया में मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है क्योंकि मुझे जन्म देने के साथ ही उसने मुझे मेरे शुरुआती जीवन में वह हर एक चीज सिखायी है, जिसके लिए मैं पूरे जीवन उसका आभारी रहूंगा। जब मैं छोटा था तो मेरी माँ ने मेरी उंगली पकड़कर चलना सिखाया। जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो मेरी माँ ने मुझे कपड़े पहनना, ब्रश करना, जूते का फीता बांधना सिखाने की साथ ही घर पर मुझे प्रारंभिक शिक्षा भी दी।जब भी मैं किसी कार्य में असफल हुआ तो मेरी माँ ने मुझमें और भी विश्वास जगाया। जब भी मैं किसी समस्या में था तो मेरी माँ ने हरसंभव प्रयास किया कि मैं उस बाधा को पार कर लूं। भले ही मेरी कोई बहुत पढ़ी-लिखी महिला ना हो लेकिन उसके जिदंगी के तुजर्बे से प्राप्त ज्ञान की बातें किसी इंजीनियर या प्रोफेसर के तर्कों से कम नही है। आज भी वह मुझे कुछ ना कुछ जरुर सिखा पाती है क्योंकि मैं कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाऊ लेकिन जिंदगी के अनुभव में हमेशा उससे छोटा ही रहूंगा। वास्तव में मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है और उसके द्वारा दी जाने वाली हर एक शिक्षा अनमोल है।उन्होंने मुझे बस प्रारंभिक शिक्षा ही नही दी बल्कि की जीवन जीने का तरीका भी सीखाया है, मुझे इस बात की शिक्षा दी है कि समाज में किस तरह से व्यवहार करना चाहिए। वह मेरे दुख में मेरे साथ रही हैं, मेरे तकलीफों में मे मेरी शक्ति बनी है और वह मेरे हर सफलता का आधारस्तंभ भी है। यहीं कारण है कि मैं उन्हें अपना सबसे अच्छा मित्र मानता हूं।
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