मेरे पड़ोसी पर निबन्ध my neighbour essay in hindi
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प्रस्तावना- पड़ोसी का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। रिश्तेदार, भाई बंधु और मित्रजन मौका पड़ने पर इतना नहीं कर सकते हैं जितना पड़ोसी कर सकता है। इसलिए यदि पड़ोसी अच्छा हो तो समझिए जीवन का बोझ हलका हो गया यदि पड़ोसी निकम्मा और दुष्ट हुआ तो जीवन का आधा आनंद समाप्त हुआ समझिए।
अच्छे पड़ोसी का महत्व- पड़ोसी का जीवन हमारे Short Essay on Mera Padosi in Hindiजीवन को बहुत प्रभावित करता है। यदि पड़ोसी है तो हमारा जीवन भी अच्छा बना जाता है और यदि बुरा हो तो हमारा जीवन भी दुखद बन जाता है। अच्छा पड़ोसी एक सज्जन के समान है जो हमारे संस्कारों को चमकाता है, उन्हें सुन्दर बनाता है। हमारे जीवन को आदर्श जीवन बनाने में सहायक होता है। वह हमें कल्याण के मार्ग की ओर ले जाता है।
श्री रामनरेश मेरे पड़ोसी हैं। उनमें प्रायः वे सभी विशेषताएँ हैं जो एक अच्छे पड़ोसी में होनी चाहिए। वे सुशिक्षित, आचारवान, परिश्रमी और सरल हदय व्यक्ति हैं। दुख और सुख में उन पर निर्भर रहा जा सकता है। वे उन पड़ोसियों में से नहीं जो दूसरों को कष्ट और विपत्ति में पड़ा देख मुँह फेर लेते हैं। वे तो सदा सहायता का हाथ आगे बढ़ाए दिखाई देते हैं। वे प्रगतिशील विचारों के व्यक्ति हैं। वे अपना कार्य बड़ी ही तल्लीनता और पश्रिम से करते हैं। वे विनम्र, उदार और बहुत ही मिलनसार हैं। वे अपनी विनम्रता और उदारता के लिए बहुत ही लोकप्रिय हैं। वे अपनी आवश्यकताओं को इतना महत्व नहीं देते जितना दूसरों की आवश्यकताओं को। अपने और पराए का भेद तो वे जानते ही नहीं। नित्य सब की सेवा करना मानों उनके जीवन का धर्म है।
Short Hindi Essay on My neighborआदर्श पड़ोसी-श्री रामनरेश वास्तव में आदर्श पड़ोसी हैं। अच्छे पड़ोसी को एक अच्छा इन्सान होना चाहिए। वे भी बहुत अच्छे इन्सान हैं। इन्सान, मानव होते हुए भी देवत्य के सभी गुण उनमें मौजूद हैं। ऐसे व्यक्ति को पड़ोसी पाकर मेरा मन खुशी से झूम उठता है, उनका पड़ोसी होने से मुझे जो आनंद मिल रहा है, वह शायद न मिल पाता, यदि उन जैसे महान, कुशल, परिश्रमी, दयालु, विनम्र, बुद्धिमान और मनस्वी व्यक्ति का मुझे पड़ोस न मिलता। मैं तो वास्तव में उन्हें अपना पड़ोसी पाकर अपने आप को धन्य महसूस करता हूँ।
मेरा पडोसि बहोत चलक है वाह मुजे हमेश परशान कर्ता रेहता है और हम में से कोई नहीं है हम हर कोई जगता है मंगली मुख्य क्रिकेट खेल होली इसयुनि अगन उर उधर उर घर उर पार पर पियानी पद्मिनी पद्मिनी पद्मिनी की स्थापना की। ka hai uske Pas dimag hi nahin hai ki jo De uska Padosi Hai vah Bhi Ek Insanan hi hai uske sath bhi acchi tarike se pesh kiya jaye.