Hindi, asked by khyodabamang8073, 1 year ago

मेरी पाठशाला निबंध हिन्दी ं

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Answered by vicky1924
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स्कूल ज्ञान का मंदिर है और यहाँ हम सामाजिक और व्यवसायिक जीवन के लिये तैयार होते है। दान के दिये हुए पैसे और भूमि के साथ पर 1990 में मेरा स्कूल बना। मेरे स्कूल का वातावरण बहुत खुशनुमा और इसका पर्यावरण बहुत स्वच्छ और आकर्षक है। मेरा स्कूल खेल के मैदान के बीचों-बीच है। स्कूल के एक तरफ बहुत बड़ा उद्यान है जिसमें छोटा तालाब है। इस तालाब में ढ़ेर सारी मछलियाँ और जलचर है। मेरा स्कूल चार माले का है जहाँ नर्सरी से लेकर 12 तक के विद्यार्थीयों के लिये कक्षा है।

मेरे स्कूल में एक बड़ा पुस्तकालय, प्रधानाचार्य कार्यालय, मुख्य कार्यालय, क्लर्क कार्यालय, एक विज्ञान प्रयोगशाला, एक कम्प्यूटर प्रयोगशाला, एक सामुहिक अध्ययन कक्ष, एक बड़ा सभाकक्ष, शिक्षक सामुहिक कक्ष, एक बड़ा खेल का मैदान, स्कूल परिसर में लड़के और लडकियों के लिये अलग-अलग छात्रावास आदि है। मेरे स्कूल में उच्च निपुण तथा अनुभवी शिक्षक है जो बहुत ही प्रभावी और रचनात्मक तरीके से हमें पढ़ाते है। मेरे स्कूल में लगभग एक हजार बच्चे है जो हमेशा स्कूल के अंदर और स्कूल के बाहर होने वाली प्रतियोगिता में अव्वल आते है। हम सभी स्कूल में उचित यूनिफार्म में जाते है। हमारे पास दो तरह के यूनिफार्म है, एक सामूहिक और दूसरा हाउस यूनिफार्म।

मेरा स्कूल गर्मियों में 7:30 बजे सुबह से लेकर 1:30 बजे दोपहर तक चलता है और सर्दियों में 8:30 बजे सुबह से लेकर दोपहर के 3:30 बजे तक चलता है। हम रोज थोड़े समय के लिये पुस्तकालय जाते है जहाँ हम रचनात्मक किताबेँ और समाचारपत्र पढ़ते है और अपने हुनर और सामान्य ज्ञान को बढ़ाते है।

Answered by rihuu95
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Answer:

हमारा पाठशाला सुबह के समय पर होता है। पाठशाला में सबसे पहले प्रार्थना होती है। प्राथना होने के बाद हम अपने क्लास टीचर को सुभ नमस्कार करते हैं। हमारे पाठशाला में बहुत ही सख्ती से अनुशासन का पालन किया जाता है। बच्चों को घरों से पाठशाला तक पहुँचाने के लिए पीले रंग की बस की सुविधा की गई है। सभी बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए एक समान वर्दी दिया गया है जिसे पहनना अनिवार्य है।

Explanation                          मेरी पाठशाला

प्रस्तावना -

मनुष्य अपने जीवन में कुछ-न-कुछ सीखता है। कोई भी मनुष्य जन्म से ही ज्ञानी नहीं होता है बल्कि इस धरती पर आकर ही किसी भी विषय पर ज्ञान प्राप्त करता है। मानव जीवन को सभ्य बनाने में सबसे बड़ा योगदान पाठशाला का होता है। पाठशाला का अर्थ होता है जिस स्थान पर ज्ञान का वास हो। मैं भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए सेंचुरी पाठशाला में जाता हूँ। मेरे पाठशाला में सभी जाति, धर्म और वर्ग के बच्चे पढने आते हैं। पाठशाला शासकीय और अशासकीय दोनों प्रकार के होते हैं।

मेरा पाठशाला / मेरे पाठशाला का निबंध -

मेरा पाठशाला तीन मंजिला का है। हमारा पाठशाला हमारे लिए एक मंदिर के समान है। हमारा विद्यालय यूको बैंक से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हमारे पाठशाला को प्रदूषण, शोर, गंदगी और धुएं से दूर सुरक्षित स्थान पर बनाया गया है जिससे बच्चे शांतिपूर्ण वातावरण में मन लगाकर पढ़ सकें।

पाठशाला में प्रिंसिपल कक्ष -

हमारे पाठशाला में प्राचार्य महोदय के लिए एक अलग कक्ष है। अपने कक्ष में बैठे ही प्राचार्य महोदय सारे पाठशाला में चल रही गतिविधियों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इस कक्ष में कक्षा समय सारिणी और अध्यापक समय सारिणी भी दीवार पर लटकी हुई है।

पाठशाला का पुस्तकालय -

हमारे पाठशाला में एक बहुत ही विशाल पुस्तकालय है। इसमें नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक की विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में हिंदी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण मासिक अर्धवार्षिक और वार्षिक पत्रिकाएँ भी आती है।

पाठशाला के शिक्षक -

हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान् और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं। हमारे पाठशाला के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं और साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं।

हमारा पाठशाला में खेल -

हमारे पाठशाला में एक बड़ा-सा मैदान है। हमारे पाठशाला में खेल कूदों जैसे गतिविधियों पर बहुत महत्व दिया जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए खेल में भाग लेना अनिवार्य होता है जिस कारन पाठशाला के विद्यार्थी खेल में बहुत रूचि लेते हैं।

पाठशाला के प्रति हमारा कर्तव्य -

पाठशाला एक विद्या का मंदिर होता है जहाँ मनुष्य ज्ञान प्राप्त करता है। जिस तरह भक्तों के लिए मंदिर और पूजा स्थल पवित्र स्थान होता है उसी तरह से एक विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक पवित्र स्थल होता है। इस पवित्र मंदिर के भगवान हैं हमारे शिक्षक जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमारे मन में ज्ञान रूपी प्रकाश को फ़ैलाने में मदत करते है।

उपसंहार -

पाठशाला एक सार्वजनिक संपत्ति होती हैं। यह हमारी राष्ट्रिय निधि है, इसलिए विद्यार्थी को इसकी रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए। पाठशाला सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि ज्ञान प्राप्ति के हर अवसर वहाँ पर उपलब्ध होते हैं। पाठशाला बालकों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर देता है जिससे बालकों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है।

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