मेरे सहयात्री संस्मरण का सारांश अपने शब्दों में लिखिए
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Explanation:
मेरे सहयात्री ,श्री अमृतलाल जी बिगड़ व्यारा लिखा गया है एक यात्रा वृतांत है। इसमें लेखक ने बताया कि जब १९१८ मैं भी नर्मदा परिक्रमा यात्रा में थी तो उन्हें ७५ वर्षीय मिले थे।
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उत्तर:
मेरे सहयात्री' संस्मरण श्री अमृतलाल वेगड़ द्वारा अपनी नर्मदा पदयात्रा के बारे में लिखा गया है। इसमें एक यात्रा का वृतांत है। जिसमें लेखक के द्वारा बताया है कि जब 1980 में वह नर्मदा परिक्रमा कर रहे थे तो उनको एक 75 वर्षीय एक बुजुर्ग मिला था जो कि नर्मदा की 'जिहलरी परिक्रमा' कर रहा था।
सारंश:उन्होंने नर्मदा नदी के किनारे-किनारे पूरे चार हजार किलोमीटर की यात्रा पैदल कर डाली। कोई साथ मिला तो ठीक, ना मिला तो अकेले ही। कहीं जगह मिली तो सो लिये, कहीं अन्न मिला तो पेट भर लिया। सब कुछ बेहद मौन, चुपचाप और जब उस यात्रा से संस्मरण शब्द और रेखांकनों के द्वारा सामने आये तो नर्मदा का सम्पूर्ण स्वरूप निखरकर सामने आ गया।उन्होंने ये यात्राएं पैदल की थी। -उनकी लिखी पुस्तकों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें उन्होंने केवल जल धारा की बात नहीं की परंतु उसके साथ जीते हुए जीव, वनस्पतियां, खेत, पक्षी, इंसान सभी को सम्मिलित किया है। - उन्होंने यह बताया है कि नदी केवल जल संसाधन नहीं जबकि मानव के जीवन से मृत्यु तक का मूल आधार है।
मेरे सहयात्री' संस्मरण श्री अमृतलाल वेगड़ द्वारा अपनी नर्मदा पदयात्रा के बारे में लिखा गया है। इसमें एक यात्रा का वृतांत है। जिसमें लेखक के द्वारा बताया है कि जब 1980 में वह नर्मदा परिक्रमा कर रहे थे तो उनको एक 75 वर्षीय एक बुजुर्ग मिला था जो कि नर्मदा की 'जिहलरी परिक्रमा' कर रहा था।
सारंश:उन्होंने नर्मदा नदी के किनारे-किनारे पूरे चार हजार किलोमीटर की यात्रा पैदल कर डाली। कोई साथ मिला तो ठीक, ना मिला तो अकेले ही। कहीं जगह मिली तो सो लिये, कहीं अन्न मिला तो पेट भर लिया। सब कुछ बेहद मौन, चुपचाप और जब उस यात्रा से संस्मरण शब्द और रेखांकनों के द्वारा सामने आये तो नर्मदा का सम्पूर्ण स्वरूप निखरकर सामने आ गया।उन्होंने ये यात्राएं पैदल की थी। -उनकी लिखी पुस्तकों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें उन्होंने केवल जल धारा की बात नहीं की परंतु उसके साथ जीते हुए जीव, वनस्पतियां, खेत, पक्षी, इंसान सभी को सम्मिलित किया है। - उन्होंने यह बताया है कि नदी केवल जल संसाधन नहीं जबकि मानव के जीवन से मृत्यु तक का मूल आधार है।
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