Hindi, asked by shirishabaddal, 11 months ago

मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई ।
जाके सिर भोर मुकुट, मेरो पति सोई ।।
छाँडि दई कुल की कानि, कहा करि है कोई?
संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक लाज खोई ।।
अँसुवन जल सींचि - सींचि प्रेम बोलि बोई ।
अब तो बेल फैल गई आणद फल होई ।।
दूध की मथनियाँ बढे प्रेम से बिलोई।
माखन जब काढि लियो छाछ पिये कोई ।।
भगत देखि राजी हुई जगत दिखि रोई।
दासी 'मीरा' लाल गिरिधर तारो अब मोहि ।।
आकलन कृति
१) संजाल पूर्ण कीजिए।
०२
कृति१
मीरा ने कृष्ण-प्रेम के लिए यह किया-​
please solve this anyone

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Answered by deepalimehra
2

Answer:

मेरे लिए तो गिरधर गोपाल ही सब कुछ है उनके अलावा मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है

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