मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई सांडई कुल की कहानी कहां करी हो कोई संतान ठीक बैठे-बैठे लोक लाज कोई अनुभव बलजीत सिंह प्रेम बॉय काव्यांश की भाषा कर दो उल्लेख लिखिए
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1. मीराबाई द्वारा लिखित यह काव्यांश आम लोगों की भाषा में लिखा गया है. इसमें राजस्थानी अवधी और ब्रज भाषा का मिश्रण है .
2. अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेमि बेलि बोयी। इस पंक्ति में अलंकार की छटा देखते बनती है
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