मिर्दा निरमाण में सहायक चार तत्व कौन से है
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Explanation:
पैतृक शैल – आधारभूत खनिज और पोषक तत्व
– जलवायु – रासायनिक क्रिया एवं सूक्ष्म जैविक क्रिया को नियंत्रित
– वनस्पति – ह्यूमस की मात्रा
– भूमिगत जल – नमी प्रदान करता है
– सूक्ष्म जीव – मृदा में वनस्पति और जीवों के अवशेषों को सडागला कर अर्थता वियोजित कर खनिजों और जैविक पदार्थों को अलग करते हैं और ह्यूमस का निर्माण करते हैं।
– वनस्पतियों एवं जीवो के सड़े गले अंश जो मिट्टी में मिल जाते हैं उन्हें जैविक तत्व या ह्यूमस कहा जाता है ह्यूमस मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने का कार्य करता है।
निक्षालन – अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में मिट्टी के खनिज पदार्थ एवं पोषक तत्व पानी के साथ रिस कर मिट्टी के निचले हिस्सों में पहुंच जाते हैं|
इस प्रक्रिया को नीक्षालन कहते हैं तथा इसके परिणाम स्वरुप मिट्टी का ऊपरी हिस्सा अनुर्वर हो जाता है तथा उसकी उपजाऊ क्षमता घट जाती है।
उदाहरण – पश्चिमी घाट पर केरल में अत्यधिक वर्षा के कारण सिलिका पानी के साथ रिसकर मिट्टी के निचले हिस्सों में चला गया है तथा निक्षालन क्रिया के परिणाम स्वरुप ही केरल में लैटेराइट मिट्टी का निर्माण हुआ है|
अतः लैटेराइट मिट्टी एक निक्षालित मिट्टी है।
– लैटेराइट मिट्टी खदानों की खेती के लिए अर्थात गेहूं धान, दाल के लिए उपयुक्त नहीं होता परंतु यह पेय पदार्थों (चाय, कॉफी) या मसालों की खेती के लिए उपयुक्त होता है। (रबर, नारियल)
MARK ME AS A BRANILIST
१.मूल शैल
२.उच्चावच
३.समय
४.जलवायु
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