"मेरे वीरों! तुम अग्नि कुल के अंगारे हो। अपने वंश की आभा को क्षीण न होने देना। प्रतिज्ञा करो कि प्राणों के रहते हम इस नकली दुर्ग पर मेवाड़ की राज्य पताका को स्थापित न होने देंगे।"
(१) कथन का वक्ता कौन है उसके चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।
(Matrabhoomi Ka maan class 10)
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वीर सिंह ने अपने साथियों से कहा कि तुम अग्नि कुल के अंगारे हो। अपने वंश की शान को कमजोर मत होने देना। प्रतिज्ञा करो कि जब तक हमारे शरीर में प्राण हैं, तब तक इस दुर्ग (बूंदी का नकली दुर्ग) पर हम मेवाड़ राज्य पताका को स्थापित नहीं होने देंगे।
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