Social Sciences, asked by kunwarsuman549, 1 month ago

मौर्य काल में समाहर्ता के कार्य बताईये।​

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Answered by DynamiteAshu
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ANSWER:

समाहर्ता राज्य का बहुत ही महत्त्वपूर्ण अधिकारी होता था, और जनपदों के शासन का संचालन बहुत-कुछ इसी के हाथ में रहता था। सन्निधाता- राजकीय कोष का विभाग सन्निधाता के हाथ में होता था। राजकीय आय और व्यय का हिसाब रखना और उसके सम्बन्ध में नीति का निर्धारण करना सन्निधाता का ही कार्य था।

Answered by ridhimakh1219
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मौर्य काल:

व्याख्या:

  • मौर्य साम्राज्य दक्षिण एशिया में मगध में स्थित एक भौगोलिक दृष्टि से व्यापक लौह युग की ऐतिहासिक शक्ति थी, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में की थी, और 185 ईसा पूर्व तक ढीले-ढाले फैशन में मौजूद था। मौर्य साम्राज्य भारत-गंगा के मैदान की विजय से केंद्रीकृत था, और इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में स्थित थी।  अशोक के शासन के दौरान (सीए। 268-232 ईसा पूर्व) साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप के प्रमुख शहरी केंद्रों और धमनियों को संक्षिप्त रूप से नियंत्रित किया था।
  • पाटलिपुत्र के आसपास का क्षेत्र सम्राट के सीधे नियंत्रण में था। इसका अर्थ था कि क्षेत्र के गांवों और कस्बों में रहने वाले किसानों, चरवाहों, शिल्पकारों और व्यापारियों से कर वसूल करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की जाती थी
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