Art, asked by ankitbairwa336, 5 hours ago

मुरली तऊ गुपालहिं भावति। सुनि री सखी जदपि नंदलालहिं, नाना भाँति नचावति। राखति एक पाई ठाढ़ौ करि, अति अधिकार जनावति। कोमल तन आज्ञा करवावति, कटि टेढ़ी है आवति। अति आधीन सुजान कनौड़े, गिरिधर नार नवावति। आपुन पौंढ़ि अधर सज्जा पर, कर पल्लव पलुटावति। भुकुटी कुटिल, नैन नासा-पुट, हम पर कोप-करावति। सूर प्रसन्न जानि एकौ छिन, धर तैं सीस डुलावति।।​

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Answered by agrawalshalini091
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