मुस्कुराहट हमारी रक्षक तथा सहायक कैसे बनती है हामिद खां कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए हामिद खान ने लेखक से कैसे व्यवहार किया दोनों की परस्पर मुलाकात में आपने किस बात से प्रेरणा ग्रहण की लिखिए?
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Answer:
लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ?
उत्तर-
हामिद पाकिस्तानी मुसलमान था। वह तक्षशिला के पास एक गाँव में होटल चलाता था। लेखक तक्षशिला के खंडहर देखने के लिए पाकिस्तान आया तो हामिद के होटल पर खाना खाने पहुँचा। वहीं उनका आपस में परिचय हुआ।
प्रश्न 2.
काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता।’-हामिद ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर-
हामिद ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि वहाँ हिंदू-मुसलमानों को आतताइयों की औलाद समझते हैं। वहाँ सांप्रदायिक सौहार्द्र की कमी के कारण आए दिन हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे होते रहे हैं। इसके विपरीत भारत में हिंदू-मुसलमान सौहार्द से मिल-जुलकर रहते हैं। ऐसी बातें हामिद के लिए सपने जैसी थी।
प्रश्न 3.
हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?
उत्तर-
हामिद को लेखक की भेदभाव रहित बातों पर विश्वास नहीं हुआ। लेखक ने हामिद को बताया कि उनके प्रदेश में हिंदू-मुसलमान बड़े प्रेम से रहते हैं। वहाँ के हिंदू बढ़िया चाय या पुलावों का स्वाद लेने के लिए मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। पाकिस्तान में ऐसा होना संभव नहीं था। वहाँ के हिंदू मुसलमानों को अत्याचारी मानकर उनसे घृणा करते थे। इसलिए हामिद को लेखक की बातों पर विश्वास न हो सका।
प्रश्न 4.
हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इंकार क्यों किया?
उत्तर-
हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इसलिए इंकार कर दिया, क्योंकि-
वह भारत से पाकिस्तान गए लेखक को अपना मेहमान मान रहा था।
हिंदू होकर भी लेखक मुसलमान के ढाबे पर खाना खाने गया था।
लेखक मुसलमानों को आतताइयों की औलाद नहीं मानता था।
लेखक की सौहार्द भरी बातों से हामिद खाँ बहुत प्रभावित था।
लेखक की मेहमाननवाजी करके हामिद ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा का निर्वाह करना चाहता था।
प्रश्न 5.
मालाबार में हिंदू-मुसलमानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
मालाबार में हिंदू-मुसलमानों के आपसी संबंध बहुत घनिष्ठ हैं। हिंदूजन मुसलमानों के होटलों में खूब खान-पान करते हैं। वे आपस में मिल जुलकर रहते हैं। भारत में मुसलमानों द्वारा बनाई गई पहली मसजिद उन्हीं के राज्य में है। फिर भी वहाँ सांप्रदायिक दंगे बहुत कम होते हैं।
प्रश्न 6.
तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है?
उत्तर-
तक्षशिला में आगजनी की खबर सुनकर लेखक के मन में हामिद खाँ और उसकी दुकान के आगजनी से प्रभावित होने का विचार कौंधा। वह सोच रहा था कि कहीं हामिद की दुकान इस आगजनी का शिकार न हो गई हो। वह हामिद की सलामती की प्रार्थना करने लगा। इससे लेखक के कृतज्ञ होने, हिंदू-मुसलमानों को समान समझने की मानवीय भावना रखने वाले स्वभाव का पता चलता है।