मुस्लिम विवाह को परिभाषित करें।
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विवाह हर समाज धर्म इत्यादि की आवश्यकता है। मुस्लिम विधि में भी विवाह जिसे निकाह कहा गया है, इसकी अवधारणा रखी गयी है।
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Explanation:
विवाह हर समाज धर्म इत्यादि की आवश्यकता है। मुस्लिम विधि में भी विवाह जिसे निकाह कहा गया है, इसकी अवधारणा रखी गयी है। दांपत्य जीवन जीने के लिए विवाह की अनिवार्यता पर प्रत्येक समाज और व्यवस्था पर बल दिया गया है। इसी प्रकार से मुस्लिम विधि में भी विवाह पर बल दिया गया है।
'पैगंबर साहब ने हदीस में बताया है कि विवाह निकाह आधा ईमान होता है। कोई भी मोमिन तब तक मुकम्मल नहीं होता जब तक वह निकाह नहीं करता।'
अनेक मुस्लिम विधिवेत्ताओं ने और भारत के न्यायालय ने विवाह (निक़ाह) की परिभाषाओं को पेश किया है
इस्लाम धर्म के प्रारंभ से पूर्व असीमित बहुपत्नीत्व की प्रथा थी। इस्लाम के अंतर्गत क्रमिक सुधार के रूप में बहुपत्नीत्व को 4 पत्नी तक सीमित कर दिया गया।
अरब में इस्लाम धर्म से पहले स्त्री वासना तृप्ति की वस्तु और पतकी संपत्ति मानी जाती थी। इस्लाम ने पहली बार स्त्री को विवाह में सहमति का अधिकार दिया। उस समय समाज में अजीब तरह के विवाह प्रचलित हुआ करते थे। पैगंबर ने अरब समाज की बहुत सी कुर्तियां दूर की हैं तथा स्त्री सहमति विवाह के लिए आवश्यक कर दिया।मुस्लिम विवाह की प्रकृति
मुस्लिम विवाह की प्रकृति के विषय में विभिन्न विचार हैं। कुछ विधिशास्त्रियों के अनुसार मुस्लिम विवाह पूर्णरूपेण एक सिविल संविदा है जबकि कुछ लोगों ने विवाह को एक धार्मिक संस्कार की प्रकृति जैसा कहा है।
बातेंमुस्लिम विवाह संपन्न होने के समय किसी प्रकार का धार्मिक अनुष्ठान विधिक रूप आवश्यक नहीं है।विवाह के समय काजी की उपस्थिति भी आवश्यक नहीं है। (निकाह) मुस्लिम विवाह के लिए वैध विवाह के लिए कुछ शर्ते निहित की गयी है। उन शर्तों का पालन नहीं होने पर मुस्लिम विवाह निष्प्रभावी हो जाता है। कुछ शर्ते ऐसी या परस्पर इस प्रकार संबंधित ना हो जो विवाह को अवैध बना दे। यह निषेध चार प्रकार के होते है जो नीचे दिए गए हैं-
1) रक्त संबंध या 'क़राबत'-
कुछ ऐसे संबंध होते हैं, जिनसे परस्पर संबंधित स्त्री पुरुषों में एक दूसरे से विवाह नहीं किया जा सकता। यह मुस्लिम विवाह की प्रतिषिद्ध नातेदारी है।
इसका संबंध रक्त से है।
अपनी माता या दादी (चाहे जितनी पीढ़ी ऊपर हो)
अपनी पुत्री या पुत्र (चाहे जितनी पीढ़ी नीचे हो)
अपनी बहन चाहे सगी हो या सहोदरा या एकोदरा (चाहे जितनी पीढ़ी ऊपर हो)