मास्टर त्रिलोक सिंह गुजर गए होंगे किसने कहा
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उत्तर- इस पाठ के अनुसार, धनराम के तेरह का पहाड़ा ठीक से न सुना पाने के कारण मास्टर त्रिलोक सिंह उस पर व्यंग्य करते हैं कि 'तेरे दिमाग में तो लोहा भरा है रे! विद्या का ताप कहाँ लगेगा इसमें'। इस कथन को लेखक ने जबान के चाबुक कहा है। मास्टर त्रिलोक सिंह के इस कथन से छात्र को शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से चोट पहुँचती है।
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