Hindi, asked by siddarth6862, 11 months ago

मैं स्वीकार करूंँ मैंने पहली बार जाना हिमालय किधर है' - प्रस्तुत पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।

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Answered by ArkaDey
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Answer:

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Answered by shishir303
2

‘मैं स्वीकार करूं मैंने पहली बार जाना है हिमालय किधर है’ इन पंक्तियों के माध्यम से कवि केदारनाथ सिंह अपनी कविता ‘दिशा’ के माध्यम से अपने लक्ष्य और कर्म के प्रति व्यक्ति की लगन को प्रकट करते हैं। कवि इस कविता के माध्यम से अपने लक्ष्य और कर्म के प्रति लगन के भाव को प्रकट करता है। पतंग उड़ाता एक बच्चा पतंग उड़ाने में इतना मगन है, कि उसे दुनियादारी का होश नही है। कवि द्वारा पूछे जाने पर वह उसी दिशा में हिमालय को बताता है, जिस दिशा में उसकी पतंग उड़ी जा रही है। तब कवि कहता है कि मैने पहली बार जाना कि हिमालय किधर है।

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