मिश्रित मछली संवर्धन के क्या लाभ हैं?
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मिश्रित मछली संवर्धन से पैदावार 8 से 9 गुना तक बढ़ जाती है।
मिश्रित मछली संवर्धन में तीव्र वर्धित अनुकूल जातियों (जैसे - भारतीय दीर्घ शफरियों - कतला , रोहू, मृगल और विदेशी शफरियों - रजत शफरी, घास शफरी , सामान्य शफरी) को चुना जाता है,जिससे उनके बीच बहुत ही कम खाद प्रतिस्पर्धा होती है और अधिकतम पैदावार प्राप्त करने के लिए सभी परिस्थितिक क्षेत्रों से लाभ उठाया जाता है।
इन जातियों की खाद आदतें निम्न प्रकार से हैं :
- कतला जंतुप्लवक पर भरण करती है।
- रोहू क्षयमान पादपों और मलबे पर भरण करती है। ये स्तंभ पोषक है।
- मृगल क्षयमान पादपों और मलबे पर भरण करती है। ये तल पोषक है।
- रजत शफरी एक पृष्ठ पोषक है और पादपप्लवक पर भरण करती है।
- घास शफरी सभी दीर्घ वनस्पतियों पर भरण करती है।
- सामान्य शफरी एक सर्वभक्षी तल पोषक है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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