Hindi, asked by aishbrar600, 5 months ago

माता की शिक्षा में भूमिका पर अनुच्छेद in detail

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Answered by Anonymous
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माता-पिता केवल हमें जन्म देने वाले भर नहीं हैं वे हमारे जीवन में सब कुछ होते हैं. सनातन संस्कृति में माँ बाप के चरणों को स्वर्ग कहा गया हैं. हमारे समाज में बच्चें के जीवन में माता पिता को सर्वोच्च स्थान प्राप्त हैं. माँ को बच्चें की प्रथम गुरु अथवा शिक्षिका भी कहा जाता हैं, तथा परिवार को बालक की प्रथम पाठशाला की संज्ञा दी जाती हैं. बच्चें के व्यक्तित्व की नींव परिवार में ही पड़ती हैं जहाँ से उसकी औपचारिक शिक्षा की शुरुआत हो जाती हैं. बालक के व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया में सबसे बड़ा कारक उसके माता पिता एवं पारिवारिक प्रष्ठभूमि होती हैं जिसे वंशानुगत और वातावरण कहा जाता हैं.

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