माता कौशल्या को घोड़े की चिंता क्यों हो रही थी
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¿ माता कौशल्या को घोड़े की चिंता क्यों हो रही थी ?
✎... माता कौशल्या को घोड़े की चिंता इसलिए हो रही थी, क्योंकि वह घोड़ा राम के जाने के बाद से बहुत दुखी था। माता कौशल्या को घोड़े का दुख देखा नहीं जा रहा था। वह दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा था। राम उसकी बहुत अच्छे से देखभाल करते थे। राम को वो घोड़ा बहुत प्रिय था, और घोड़ा भी राम पर स्नेह रखता था। भरत जी उसकी अच्छे से देखभाल कर रहे थे लेकिन भरत की लाख देखभाल के बावजूद वह घोड़ा कमजोर होता जा रहा था। वह घोड़ा राम के वियोग से संतप्त था, इसीलिए घोड़े की हालत देखकर माता कौशल्या का हृदय रो पड़ता है। अंततः वह यह कहने के लिए विवश हो जाती हैं कि राम तुम एक बार लौट कर आ जाओ। मेरे लिए ना सही अपने इस प्रिय घोड़े के लिए आ जाओ जो तुम्हारे वियोग में इतना दुखी है।
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