Hindi, asked by rameshjakhar78594, 11 months ago

मित्र की परख संकट में nibandh (२००-२५० शब्दों में)

Answers

Answered by Sumit15081947
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Answer:

डालीं । शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान किया, कर्ण ने कवच और कुण्डल याचक बने इन्द्र को दे डाले ।

राजा शिवि ने शरण में आए कबूतर के लिए अपने शरीर का मांस दे डाला । ईसा मसीह सूली पर चढ़े और सुकरात ने लोक कल्याण के लिए विष का प्याला पिया । सिक्खों के गुरू गुरू नानक देव जी ने व्यापार के लिए दी गई सम्पत्ति से साधु सन्तों को भोजन कराके परोपकार का सच्चा सौदा किया ।

Explanation:

Answered by bhatiamona
8

Answer:

कहने को कहा जाए मित्र तो बहुत ही छोटा शब्द है मित्र | लेकिन मित्रता से पवित्र रिश्ता और कोई नहीं है |  

कहने को सब बोलते है , हम सब आपस में मित्र है लेकिन असली मित्र वही होता है , जो संकट में काम आए  उसे सच्चा मित्र कहते है | जो हमारे  दुःख और सुख दोनों में हमेशा हमारा साथ थे उसे सच्चा मित्र कहते है | मित्र की असली पहचान दुःख या बुरे समय में ही होती है , क्योंकि अच्छा समय निकल जाता है लेकिन दुःख में बुरे समय में जब जरूरत होती तब जो साथ निभाए उसे मित्र कहते है | मित्र से हम अपने जीवन की सारी बातें शेयर कर सकते है | कोई भी काम हो उसे बता सकते है | मित्र हमारे परिवार की तरह होता है | सब के  जीवन में मित्र होना बहुत जरूरी होता है जो हमारे परिवार की तरह हमेशा हमारे साथ रहे | अच्छे मित्र हमेशा साथ देते है , उस समय वह कुछ नहीं देखते और उन्हें उस समय अपने मित्र की प्रवाह होती है | मित्र के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है |

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